इनकम टैक्स के कई नियमों में हुआ बदलाव

नया फाइनेंशियल ईयर शुरू होने वाला है। नए वित्त वर्ष से इनकम टैक्स के कई नियमों में बदलाव होने वाला है। इसमें क्रिप्टो एसेट पर लगने वाला टैक्स भी शामिल है। पीएफ पर 2.50 लाख रुपये से अधिक निवेश पर लगने वाले ब्याज पर टैक्स लगेगा। इसके अलावा कोविड-19 के ट्रीटमेंट पर हुए खर्च पर भी टैक्स में छूट मिलेगी। आज हम आपको बता रहे हैं कि टैक्स से जुड़े किन नियमों में बदलाव आने वाला है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने क्रिप्टोकरेंसी वर्चुअल डिजिटल एसेट्स के ट्रांसफर या ट्रांजैक्शन से होने वाली आय पर 30% टैक्स लगाने का ऐलान किया है। साथ ही उन्होंने क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े हर ट्रांजैक्शन पर 1% टीडीएस लगाने का भी ऐलान किया। अगर कोई आपके खाते में क्रिप्टो ट्रांसफर करता है या आपको गिफ्ट करता है, तो भी आपको उस डिजिटल एसेट्स पर पर टैक्स देना होगा।

क्रिप्टो पर में लाभ होने पर सरकार को टैक्स देना पड़ेगा। अगर आपको क्रिप्टो पर नुकसान भी होता है तो भी आपको टैक्स देना होगा। यानी किसी भी डिजीटल एसेट पर नुकसान होने पर उसे आप फायदे के साथ सेट ऑफ नहीं कर सकते। जैसे अगर आपके पास बिटकॉइन और शीबा इनू दोनों हैं अगर एक में आपको 100 रुपये का फायदा और दूसरे में 100 रुपये का नुकसान हो रहा है तो आपको बिटकॉइन के 100 रुपये के फायदे पर 30 फीसदी की दर से टैक्स देना होगा लेकिन 100 रुपये जो गवाएं है वो आपको उटाना होगा। आप एक के फायदे को दूसर के नुकसान के साथ सेट ऑफ नहीं कर सकते।

पीएफ अकाउंट पर टैक्स

ईपीएफ के नए नियम के मुताबिक, अगर कर्मचारी का एक फाइनेंशियल ईयर में पीएफ में 2.5 लाख रुपये से ज्यादा जमा होता है तो उस पर टैक्स लगेगा। ध्यान रखने वाली बात यह है कि यह नियम सिर्फ पीएफ में जमा होने वाले कर्मचारी के अकाउंट के लिए है। आपके पीएफ में कंपनी की तरफ से जमा किए जाने वाले अमाउंट पर यह नियम लागू नहीं होगा।

कोविड-19 ट्रीटमेंट के खर्च पर टैक्स में राहत

नए नियमों के मुताबिक कोविड के कारण किसी व्यक्ति की मृत्यु पर परिवार के सदस्यों को मिले पैसे पर भी टैक्स छूट मिलेगी। लेकिन इसमें शर्त यह है कि ये पैसा मृत्यु के 12 महीने के अंदर मिलनी चाहिए। ये 10 लाख रुपये से अधिक नहीं होना चाहिए।

अपडेटेड IT रिटर्न फाइल करने की मिलेगी सुविधा

नए फाइनेंशियल ईयर से टैक्सपेयर्स अगर किसी गड़बड़ी या गलती को सुधारकर अपना ITR भरना चाहते हैं तो फिर से फाइल कर सकते हैं। अब टैक्सपेयर्स असेसमेंट ईयर के 2 साल तक अपडेटेड रिटर्न फाइल कर सकते हैं।

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