रायबरेली : करीब एक साल का लंबा इंतजार अब खत्म हो गया। परिणाम भी आ गए। सफलता पाने वाले को मानो मन मांगी मुराद पूरी हो गई हो। वहीं असफल होने वाले तदर्थ शिक्षकों को करारा झटका लगा है। जी हां, हम बात कर रहे उन तदर्थ शिक्षकों की जो अभी तक अपने भविष्य को लेकर पशोपेश में थे।
जिले में अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक स्कूलों में तैनात करीब एक सैकड़ा तदर्थ शिक्षकों के लिए एक साल किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं था। कोर्ट द्वारा परीक्षा में शामिल होने के निर्णय आने के बाद उन्हें एक नई चुनौती का सामना करना पड़ रहा था। गाइडलाइन आने के बाद नियत तिथि पर परीक्षा हुई। अब परिणाम भी आ गया। इसमें सफल हुए तदर्थ शिक्षकों की राह अब आसान हो जाएगी। वहीं असफल अभ्यर्थियों में मुश्किलों से जूझना पड़ेगा। जिन्हें पढ़ाया उनके साथ दी परीक्षा, हुए सफल
श्री गणेश विद्यालय इंटर कालेज दो तदर्थ शिक्षकों का चयन टीजीटी 2021 में हुआ है। ये शिक्षक उम्र के उस पड़ाव में थे, जब उन पर दूसरों के भविष्य को संवारने की जिम्मेदारी है। न्यायालय के आदेश को इन्होंने सहर्ष स्वीकार किया। खूब तैयारी की और जिनको पढ़ाया उनके साथ परीक्षा में शामिल हुए। सफलता के बाद विद्यालय ही नहीं उनके शुभचितक भी काफी खुश है। चयनित अतुल कुमार मिश्र का अंग्रेजी विषय में 67वां और जितेंद्र मोहन त्रिपाठी का जीव विज्ञान में 55वां स्थान हासिल किया है। अनुज अवस्थी, अनूप पांडे, विजय वाजपेयी, इंद्र कुमार, जितेंद्र मिश्र, रामकृष्ण वाजपेयी, संदीप वाजपेयी, शैलेंद्र दीक्षित, भाजपा शिक्षक प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष दिलीप द्विवेदी, शिक्षक नेता राकेश मिश्रा, प्रधानाचार्य सुरेश मिश्र ने खुशी जताई है। इसी तरह चयनित दिनेश श्रीवास्तव काफी खुश हैं। कहते है कि यह घड़ी काफी मुश्किल भरी थी। प्रबंधन की ओर से रखे जाते हैं तदर्थ शिक्षक
स्कूलों में शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए तदर्थ शिक्षक रखे जाते हैं। प्रबंधतंत्र से सहमति के बाद कोर्ट से मंजूरी लेनी होती है। इसमें एक अच्छी खासी रकम खर्च हो जाती है। इसके बाद कहीं जाकर नियुक्ति मिलती है। अब ऐसे असफल तदर्थ शिक्षकों के आगे की राह कठिनाइयों भरा होगा। ————-
परीक्षा परिणाम के बाबत जानकारी नहीं है। शासन से जो भी आदेश आएगा, उसका अनुपालन कराते हुए प्रक्रिया को अपनाया जाएगा।
ओमकार राणा, जिला विद्यालय निरीक्षक