अयोध्या में रामायण विश्वविद्यालय की स्थापना की योजना

योगी सरकार 2.0 में एक बार फिर अयोध्या के विकास में 100 दिन की कार्ययोजना बनाई जा रही है. इसके तहत अयोध्या में रामायण विश्वविद्यालय की स्थापना की योजना का भी प्रस्ताव है. इस विश्वविद्यालय में भारतीय संस्कृति, सभ्यता और आध्यात्म से संबंधित शिक्षा दी जाएगी. रामायण विश्वविद्यालय के जरिए देश व दुनिया में भारतीय संस्कृति के आदर्शों को विकसित करने का उद्देश्य है.

इसके लिए महर्षि विद्यापीठ ट्रस्ट के साथ एमओयू साइन किया जाएगा. रामायण विश्वविद्यालय बनाने के लिए ट्रस्ट ने 21 एकड़ जमीन चिन्हित की है. वहीं, एडाप्ट हेरिटेज पॉलिसी के अंतर्गत 9 राज्य संरक्षित स्मारकों पर रुचि की अभिव्यक्ति के माध्यम से स्मारक मित्र बनाने की योजना है. 

100 दिनों की कार्ययोजना में शामिल किए ये कार्य
बीते शुक्रवार को हुई 100 दिनों की कार्ययोजना की समीक्षा में उत्तर प्रदेश के संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि इस कार्य में किसी तरह की लापरवाही नहीं होनी चाहिए. इस कार्ययोजना के तहत मई में लखनऊ में जनजातीय संग्रहालय की स्थापना के लिए भूमि पूजन किया जाएगा. इसके अलावा कबीर अकादमी, मगहर के नवनिर्मित भवन का लोकार्पण भी शामिल है.

पर्यटन मंत्री ने यह भी कहा कि संस्कृति विभाग के राज्य पुरात्तव विभाग के तहत आगा खां ट्रस्ट फॉर कल्चर के साथ संरक्षित स्मारक छतर मंजिल और फरहत बक्श कोठी को फिर से इस्तेमाल के लिए कार्ययोजना बनाई जाएगी. 

फेहरिस्त में ये कार्य भी है शामिल 
1.भातखंडे राज्य संस्कृति विश्वविद्याय के तहत नए सिलेबस की शुरुआत भी की जाएगी. 
2.राज्य ललित कला अकादमी में कलाकृति विक्रय केंद्र की स्थापना की जाएगी. 
3.उत्तर प्रदेश राजकीय अभिलेखागार द्वारा इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र भारत सरकार की योजना के तहत पांडुलिपि रिसोर्स सेंटर की स्थापना की जाएगी. 
4.आजादी के अमृत महोत्सव के तहत ज्ञात और अज्ञात शहीदों के जीवन और उनके योगदान पर आधारित 10 पुस्तकें प्रकाशित की जाएगी.

ओडीओपी की तर्ज पर किया जाएगा काम
प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश मेश्राम ने मंत्री को संस्कृति विभाग की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी. निदेशक सूचना एवं संस्कृति शिशिर ने कहा कि स्थानीय कलाओं, खानपान, पहनावा, लोक जीवन, हस्तशिल्प, संगीत, लोकगीत आदि को एक जिला एक उत्पाद योजना की तर्ज पर प्रोत्साहित करने के लिए हर कोशिश की जाएगी.

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