अब शिक्षकों की कमी काफी हद तक दूर, मा० शिक्षा को मिलेंगे 15500 और शिक्षक, 30 अक्टूबर से पहले नियुक्ति पत्र

माध्यमिक अशासकीय विद्यालयों में अब शिक्षकों की कमी काफी हद तक दूर हो गई है। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने पिछले तीन सालों में करीब 15000 शिक्षकों की भर्ती की। वहीं 15500 और शिक्षकों के नियुक्ति की प्रक्रिया जारी है। इसके लिए वर्ष 2019 में विज्ञापन जारी हुआ था। लिखित परीक्षाएं कराई जा चुकी है। साक्षात्कार की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। बोर्ड 30 अक्टूबर से पहले सभी चयनित शिक्षकों को नियुक्ति पत्र देने का लक्ष्य रखा है।

U.P. Secondary Education Service Selection Board

आर्य महिला इंटर कालेज में रविवार को आयोजित प्रधानाचार्य सम्मान समारोह में ये बातें बतौर विशिष्ट अतिथि उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की सदस्य डा. हरेंद्र कुमार राय ने कही। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश प्रधानाचार्य परिषद का गठन धरना-प्रदर्शन करने के लिए नहीं किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार लाना है। साथ ही असुविधाओं, प्रधानाचार्यों की पीड़ा प उनकी समस्याओं का उचित मंच व माध्यम से समाधान कराना है। कहा कि माध्यमिक विद्यालयों में आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के बच्चे पढ़ते हैं। इनके बौद्धिक विकास कर मुख्य धारा में ले आना माध्यमिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों का मुख्य कार्य है। ग्रेटर नोएडा इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी (जीएनटीओ) के के तत्वाधान में आयोजित समारोह में बतौर मुख्य अतिथि जिला विद्यालय निरीक्षक डा. विनोद कुमार राय ने कहा कि विद्यालय का परिवेश ठीक होगा, तो बच्चे भी ठीक होंगे। शिक्षक अनुशासित होंगे तो विद्यार्थी भी अनुशासित होंगे। हम अच्छे कार्य कर ही सम्मान हासिल कर सकते हैं। बच्चों उचित मार्गदर्शन करना हम सभी का दायित्व है। इस मौके पर वाराणसी मंडल, आजमगढ़ मंडल व मीरजापुर मंडल के करब 160 प्रधानाचार्यों को सम्मानित किया गया है।

समारोह का शुभारंभ जीएनटीओ के मैनेजर रुपेश राव व एडवाइजर उमेश कुमार सिंह द्वारा दीप प्रज्ज्वलन व मां सरस्वती के प्रतिमा पर माल्यार्पण प्रारंभ हुआ। स्वागत कालेज के प्रबंधक सत्यनारायण पांडेय, संचालन महेंद्र सिंह व धन्यवाद ज्ञापन प्रधानाचार्य डा. प्रतिभा यादव ने किया। समारोह में मुख्य रूप से जीएनटीओ के सीईओ एसके सिंह, प्रधानाचार्य परिषद के अध्यक्ष चारु चन्द्र त्रिपाठी, चंद्रमणि सिंह, श्रीप्रकाश सिंह, जय प्रकाश पांडेय, डा. प्रतिभा यादव, सहित अन्य प्रधानाचार्य उपस्थित थे।

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