अब दो फुल टाइम डिग्री कार्यक्रमों में एक साथ दाखिला ले सकेंगे विद्यार्थी।

UGC Allows Two Degree Programmes: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने मंगलवार को घोषणा की कि छात्र अब दो फुल टाइम डिग्री कार्यक्रमों में एक साथ दाखिला ले सकेंगे। यूजीसी और अन्य उच्च शिक्षा नियामकों की ओर से दोनों कार्यक्रमों को समान तौर पर मान्यता दी जाएगी। यूजीसी के चेयरमैन प्रोफेसर एम जगदीश कुमार ने कहा कि यह बदलाव नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 के अनुरूप है। नई शिक्षा नीति में छात्रों अपनी इच्छानुसार पढ़ने के लिए अधिकतम आजादी देने की बात कही गई है। यह कदम उसी की दिशा में पहल है। 

UGC Allows Two Degree Programmes

विद्यार्थी डिग्री और संस्थान को चुनने के लिए स्वतंत्र

यूजीसी अध्यक्ष ने बताया कि योजना लेक्चर बेस्ड पाठ्यक्रमों के लिए लागू होगी। सभी विश्वविद्यालय अपने स्तर पर ऐसी पहल शुरू कर सकते हैं। उन्हें इस बारे में यूजीसी और अन्य नियामकों को सिर्फ सूचित करना होगा। विद्यार्थी भी अपने स्तर पर डिग्री और संस्थान को चुनने के लिए स्वतंत्र होंगे। पढ़ाई के दौरान फलेक्सिबिलिटी बढ़ेगी। इस संबंध में जल्द ही यूजीसी की ओर से जल्द विस्तृत अधिसूचना और नियमावली जारी की जाएगी। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने  इसके संबंध में दिशा-निर्देशों का एक सेट तैयार किया है, जिसे बुधवार, 13 अप्रैल को यूजीसी की आधिकारिक वेबसाइट पर जारी कर दिया जाएगा।  

डिग्री, डिप्लोमा और अन्य पाठ्यक्रम चुनने की आजादी

प्रो कुमार ने कहा कि इससे पहले, यूजीसी के नियमों ने छात्रों को दो फुल टाइम कार्यक्रमों को एक साथ करने की अनुमति नहीं दी थी। पहले सिर्फ वे केवल ऑनलाइन/ पार्ट टाइम/ डिप्लोमा पाठ्यक्रमों के साथ एक फुल टाइम डिग्री प्राप्त कर सकते थे। लेकिन अब दो फुल टाइम डिग्री कार्यक्रम जैसे बीए या बीएससी और बीकॉम, एमकॉम, एमएससी और एमबीए आदि साथ कर सकते हैं। या फिर आईआईटी का छात्र भी कुछ और डिप्लोमा या हिस्ट्री से जुड़ा कोर्स, या डेटा सांइस आदि डिप्लोमा भी साथ कर सकता है। 

अलग डोमेन और संकाय में पढ़ने की भी मिलेगी छूट

दिशा-निर्देश देश भर में उपलब्ध सभी पाठयक्रमों पर लागू होंगे। छात्र या तो एक डिप्लोमा कार्यक्रम और एक स्नातक (यूजी) डिग्री, दो मास्टर कार्यक्रम, या दो स्नातक कार्यक्रमों के कॉम्बिनेशन में चयन कर सकते हैं। यदि कोई छात्र स्नातकोत्तर (यूजी) की डिग्री हासिल करने के लिए पात्र है और एक अलग डोमेन में स्नातक की डिग्री में दाखिला लेना चाहता है, तो वह एक साथ यूजी और पीजी डिग्री हासिल करने में सक्षम होंगे। हालांकि, दोनों कार्यक्रमों के लिए कक्षा के समय में टकराव नहीं होना चाहिए। विश्वविद्यालयों को यह तय करने की छूट होगी कि वे इस तरह के कार्यक्रमों की पेशकश करना चाहते हैं या नहीं। 

एमफिल और पीएचडी कार्यक्रम योजना में शामिल नहीं

यूजीसी के चेयरमैन प्रोफेसर एम जगदीश कुमार ने कहा कि नई गाइडलाइन के अनुसार, छात्र विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, कला, मानविकी और विभिन्न प्रकार के विषयों जैसे डोमेन में दो डिग्री कार्यक्रमों करने में सक्षम होंगे। इन दिशा-निर्देशों को अपनाना विश्वविद्यालयों के लिए वैकल्पिक है और विश्वविद्यालयों के वैधानिक निकायों के अनुमोदन के बाद ही इसे लागू किया जा सकता है। प्रत्येक कार्यक्रम के लिए पात्रता मानदंड यथावत रहेंगे और प्रवेश मौजूदा यूजीसी, विश्वविद्यालय के मानदंडों के आधार पर आयोजित किया जाएगा। प्रो कुमार ने स्पष्ट किया कि एमफिल और पीएचडी कार्यक्रम भले दोनों परास्नातक कार्यक्रम हैं लेकिन यह दोनों एक ही योजना के तहत नहीं आएंगे। 

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Up Secondary Education Employee ,Who is working to permotion of education

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