अंबेडकरनगर के डॉयट को लगभग 19 वर्ष के लंबे इंतजार के बाद शीघ्र ही मान्यता मिलने की संभावना

अंबेडकरनगर। लगभग 19 वर्ष के लंबे इंतजार के बाद टांडा तहसील क्षेत्र के गोकुलपुर दॉयमपुर गांव स्थित डॉयट को शीघ्र ही मान्यता मिलने की संभावना है। मान्यता मिलने में बाधक बन रहे बहुउद्देश्यीय हाल का निर्माण एक तरफ जहां पूरा हो चुका है तो वहीं प्रशिक्षण हाल का निर्माण भी अंतिम दौर में है। उम्मीद की जा रही है कि डॉयट को एनसीईटी से बीटीसी प्रशिक्षण के लिए मान्यता मिल जाएगी।
बीटीसी शिक्षा दिए जाने के साथ ही विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण में किसी भी प्रकार की मुश्किल न हो, इसके लिए वर्ष 2003 में टांडा तहसील क्षेत्र के दॉयमपुर ग्राम पंचायत में डॉयट आलापुर के नाम से जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना की गई थी। आधे-अधूरे निर्माण के बीच संचालन प्रारंभ कर दिया गया।
डॉयट प्राचार्य के साथ ही 16 प्रवक्ता, तीन लिपिक व एक लैब टेक्नीशियन की भी तैनाती कर दी गई। अन्य प्रशिक्षण व कार्य तो शुरू हो गए लेकिन नेशनल काउंसिल ऑफ टीचर्स एजूकेशन द्वारा बीटीसी प्रशिक्षण की मान्यता नहीं दी गई। कारण यह कि डॉयट भवन में न तो बहुउद्देशीय हाल और न ही प्रशिक्षण कक्ष का ही निर्माण हो सका था। अंबेडकरनगर के लिए चयनित बैच का प्रशिक्षण अयोध्या में होता रहा।
हालांकि वर्ष 2007 व 2008 में विशिष्ट बीटीसी, उर्दू बीटीसी व इसके बाद शिक्षामित्रों को विशेष प्रशिक्षण भी दिया गया। इसके लिए शासन ने विशेष अनुमति प्रदान की थी। वर्ष 2021 में लंबे पत्राचार के बाद आखिरकार शासन ने बहुउद्देशीय हाल व प्रशिक्षण हाल के निर्माण को मंजूरी प्रदान कर दी । 1.15 करोड़ रुपये की लागत से इन दोनों भवनों के निर्माण की जिम्मेदारी कार्यदाई संस्था राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद को मिली। तेजी से निर्माण प्रारंभ हुआ।
मौजूदा समय में बहुउद्देशीय हाल का निर्माण पूरा हो चुका है जबकि प्रशिक्षण हाल भी लगभग पूर्ण होने को है। अगले कुछ दिनों में निर्माण कार्य पूर्ण कर डॉयट को हैंडओवर कर दिए जाने की संभावना है। ऐसे में डॉयट को बीटीसी प्रशिक्षण के लिए मान्यता मिलने की उम्मीद बढ़ गई है।
भवन निर्माण के साथ ही कई तरह की औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं। इसी शैक्षणिक सत्र में अनुमति मिलने की उम्मीद थी लेकिन अब अगले कुछ दिनों में मान्यता मिल जाने की उम्मीद है। इसके बाद यहां बीटीसी बैच का प्रशिक्षण शुरू हो जाएगा।
-मनोज गिरि, डॉयट प्राचार्य

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