उत्तर प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत तदर्थ शिक्षकों के संबंध में माननीय उच्च न्यायालय ने जो आदेश दिया उसके अनुसार अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों में कार्यरत तदर्थ शिक्षक जब तक उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड द्वारा आयोजित चयन परीक्षा परीक्षा पास नहीं कर लेते तबतक उन्हें सेवा के लिए अधिकृत नहीं माना जाएगा। इसी क्रम में प्रदेश के 4502 सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में 16000 अध्यापकों को की भर्ती के लिए अक्टूबर में आवेदन मांगे जाएंगे। इसके लिए माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने कवायद शुरू कर दी है। उधर संस्कृत शिक्षा परिषद ने भी सहायता प्राप्त 973 संस्कृत विद्यालयों में 12 सौ से अधिक सहायक अध्यापकों के पदों पर भर्ती के लिए बोर्ड को प्रस्ताव भेजा है। सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक के रिक्त पदों पर भर्ती के लिए 2019 में प्रस्ताव मांगे गए थे प्रदेश भर में इन विद्यालयों के प्रबंधकों ने यहां से कृत पदों के सापेक्ष रिक्त पदों पर भर्ती का प्रस्ताव बोर्ड को भेजा इसमें कुल 32891 रिक्त पद बताए गए थे जबकि प्रदेशभर में सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक के 68436 पद सृजित हैं इन विद्यालयों में शिक्षकों के रिक्त पदों इतनी बड़ी संख्या होने पर बोर्ड ने शासन से इस संबंध में दिशा-निर्देश देने को कहा था इस पर मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने इन विद्यालयों के विद्यार्थियों की संख्या के सापेक्ष शिक्षकों के रिक्त पदों का सत्यापन रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए थे एक अधिकारी ने बताया कि सत्यापन के बाद रिक्त पदों की संख्या घटकर 16 रह गई है बोर्ड ने अब इन पदों पर भर्ती की शुरुआत कर दी है
Related Posts
‘स्कूल एजुकेशन क्वालिटी इंडेक्स’स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता के मामले में उत्तर प्रदेश का नाम सबसे नीचे
नीति आयोग ने ‘स्कूल एजुकेशन क्वालिटी इंडेक्स’ जारी की है, जिसके अनुसार स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता के मामले में उत्तर…
सदन में उठेगा शिक्षकों के पद कम करने का प्रकरण
प्रयागराज। माध्यमिक स्कूलों में शिक्षकों के पद लगातार कम किए जा रहे हैं। वहीं, माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड भी…