एक विवाद में हाईकोर्ट ने सीजीएम गाजीपुर द्वारा मेडिकल साक्ष्य को वरीयता देने के लिए निर्णय को सही करार देते हुए निगरानी याचिका खारिज कर दी। याचिका पर न्यायमूर्ति अरविंद कुमार मिश्र प्रथम ने सुनवाई की पीड़िता के पिता ने निगरानी याचिका दाखिल कर इस साल 6 जनवरी के सीजीएम के आदेश को चुनौती दी थी। इस मामले में दाखिले की याचिका पर कोर्ट ने पीड़िता के विवाद को भी सुनकर आयु निर्धारण करने का आदेश दिया था। मगर सीजीएम ने इस बात को अनसुना करते ही एकतरफा आदेश दिया था जबकि पीड़िता की जन्मतिथि का प्रमाण पत्र जूनियर हाईस्कूल की मार्कशीट प्रस्तुत की थी पुलिस ने आरोपी के खिलाफ पाक्सो एक्ट में आरोपपत्र भी दाखिल कर दिया है इस हिसाब से पीड़िता को नाबालिक मानना चाहिए
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