प्रदेश में एमबीबीएस पाठ्यक्रम में 800 सीटें बढ़ गई है। नेशनल मेडिकल कमीशन ने पांच नए निजी मेडिकल कॉलेजों को 150-150 सीटों पर प्रवेश की अनुमति दी है जबकि लखनऊ के एक निजी अल्पसंख्यक मेडिकल कॉलेज की प्रवेश की क्षमता में 50 सीटों की वृद्धि की गई है। अब प्रदेश में निजी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की चार हजार सीटें हो गई हैं।
प्रदेश में अब 29 निजी मेडिकल कॉलेज हो गए हैं। नेशनल मेडिकल काउंसिल ने यूनाइटेड इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज प्रयागराज और नोएडा इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज गौतमबुद्ध नगर को 2020-21 सत्र में प्रवेश के लिए अनुमति दे दी है। दोनों ही मेडिकल कॉलेजों में 150-150 सीटों में प्रवेश हो सकेंगे।
इसके अलावा वरुणार्जुन मेडिकल कॉलेज शाहजहांपुर, श्री वेकेटेश्वर इंस्टीट्यृट ऑफ मेडिकल साइंसेज अमरोहा नेशनल कैपिटल रीजन (एमएसवाई) मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल मेरठ को भी 150-150 सीटों पर प्रवेश के लिए अनुमति दी गई है। इस तरह कुल 750 एमीबीबीएस की सीटें बढ़ी हैं। इसके अलावा इंटीग्रल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज लखनऊ में अभी तक 100 सीटें थी। नेशनल मेडिकल कमीशन ने वहां 50 सीटें बढ़ा दी हैं। अब इंटीग्रल में 150 सीटों पर प्रवेश हो सकेंगे। इस तरह कुल निजी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की 800 सीटें बढ़ेंगी। पिछले सत्र में प्रदेश में निजी मेडिकल कॉलेजों की 3300 सीटें थीं।
सरकारी मेडिकल कॉलेजों में तीन हजार सीटें
प्रदेश में सरकारी मेडिकल कॉलेजों में लगभग 3000 एमबीबीएस की सीटे हैं। प्रथम चरण में 2928 सीटों को काउंसलिंग में शामिल किया गया है। इस तरह प्रदेश में कुल 7100 एमबीबीएस की सीटों पर प्रवेश प्रक्रिया होनी है। चिकित्सा शिक्षा महानिदेशालय के अनुसार 08 नवंबर की शाम तक फर्स्ट काउंसलिंग के लिए 15941 अभ्यर्थियों ने पंजीकरण कराया है।
