यूपी नीट यूजी-2020 से प्रवेश लेने वाले छात्र-छात्राओं को महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा- डीजीएमई के नाम से ट्यूशन फीस का ड्राफ्ट जमा करना होगा। किसी भी प्रकार की अतिरिक्त वसूली से बचाने के लिए यह आदेश जारी कि गए हैं। सरकारी मेडिकल कॉलेजों की फीस अभ्यर्थी वहीं जमा कर सकेंगे।
चिकित्सा शिक्षा महानिदेशालय के अनुसार जिन अभ्यर्थियों को फस्र्ट काउंसलिंग से सरकारी मेडिकल और डेंटल कॉलेज आंवटित हुए हैं, उन्हें वहीं अपने प्रमाण पत्र व फीस कैश जमा करनी होगी। निजी मेडिकल-डेंटल कॉलेज वाले अभ्यर्थियों को अपने प्रमाण पत्र और फीस का ड्राफ्ट बनाकर जमा करना होगा। ड्राफ्ट डायरेक्टर जनरल मेडिकल एजूकेशन एंड ट्रेनिंग यूपी लखनऊ के नाम बनना होगा। यदि सीट का आवंटन होने के बाद कोई अभ्यर्थी प्रवेश नहीं लेता है तो उसकी सिक्योरिटी धनराशि जब्त कर ली जाएगी। उसे दूसरे राउंड की काउंसलिंग में शामिल होने के लिए फिर से सिक्योरिटी धनराशि जमा करनी होगी।
दूसरे राउंड की काउंसलिंग फस्र्ट काउंसलिंग से आवंटित सीटों की प्रवेश प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही शुरू होगी। सिक्योरिटी धनराशि को शिक्षण शुल्क के रूप में नहीं लिया जाएगा। शासनादेश के अनुसार इसे काउंसलिंग खत्म के बाद ही वापस किया जाएगा। सभी छात्र-छात्राओं को अपनी प्रवेश प्रक्रिया 18 नवंबर तक हर हाल में पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं।