यूपी बोर्ड के परीक्षार्थियों को इस बार नवंबर के तीसरे सप्ताह से जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (DIET) मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग की सुविधा देगा। छात्र छात्राओं को यह सुविधा इस बार ऑनलाइन भी उपलब्ध होगी। ऑनलाइन काउंसलिंग में एक बार में एक स्कूल के 60 बच्चों को जोड़ा जाएगा। रोजाना 2 स्कूल के बच्चों को यह सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।
यूपी बोर्ड परीक्षार्थियों के लिए पूर्व में शिक्षा विभाग की ओर से और मेरठ स्थित मनोविज्ञान केंद्र की ओर से मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग की सुविधा दी जाती थी। इस बार इस सुविधा में इजाफा हुआ है। दोनों ही संस्थाओं के अलावा जिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान की ओर से भी छात्र छात्राओं को मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग की सुविधा दिया जाना तय किया गया है। इसके लिए डाइट में मनोवैज्ञानिक विशेषज्ञ भी उपलब्ध हो चुके हैं। फिलहाल बोर्ड परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्र-छात्राओं को ऑनलाइन सुविधा दिए जाने के लिए तकनीकी संबंधी तैयारियां हो रही हैं। काउंसलिंग के लिए स्कूल स्तर पर भी बच्चों को ऑनलाइन शामिल कराए जाने के लिए तैयारियां शुरू हो गई है। माना जा रहा है की शिक्षा विभाग और मंडलीय मनोविज्ञान केंद्र के अलावा डायट के मनोवैज्ञानिक के जुड़ने से इस बार अधिक बच्चों को काउंसलिंग का लाभ मिल सकेगा। इसके अलावा छात्र-छात्राओं के पास भी मनोवैज्ञानिक विशेषज्ञ का चुनाव करने के लिए विकल्प अधिक हो सकेंगे। ऑनलाइन काउंसलिंग किए जाने पर डायट के प्राचार्य संजय उपाध्याय ने जानकारी दी कि बोर्ड परीक्षाओं के काउंसलिंग के लिए डायट ने तैयारियां शुरू कर दी है। फिलहाल मनोवैज्ञानिक विशेषज्ञ को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। नवंबर के तीसरे सप्ताह से सरकारी स्कूलों के छात्र छात्राओं की काउंसलिंग का कार्य डायट की ओर से शुरू कर दिया जाएगा।
जिले 40 हजार बच्चों को मिलेगा लाभ
जिले में इस बार यूपी बोर्ड की परीक्षा दे रहे परीक्षार्थियों की संख्या लगभग 40 हज़ार है। ऐसी स्थिति में डायट की ओर से भी काउंसलिंग कराए जाने की छह छात्राओं को मिलने वाली सुविधा में अधिक बच्चे लाभ उठा सकेंगे। पूर्व में मंडल की मनोवैज्ञानिक और शिक्षा विभाग की ओर से कराई जा रही काउंसलिंग में जरूरत पड़ने पर कई स्कूलों के मनोवैज्ञानिकों को भी काउंसलिंग कार्य में लगाया जाता था। ऐसी स्थिति में यदि इस बार भी स्कूलों के मनोवैज्ञानिकों को काउंसलिंग कार्य में लगाया जाएगा तो ऐसे छात्र-छात्राएं जो पूर्व में काउंसलिंग कार्य से छूट जाते थे उन्हें भी लाभ हासिल हो सकेगा।
दसवीं के बच्चों को मिलेगी प्राथमिकता
डायट की ओर से नवंबर महीने में शुरू होने वाले मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग कार्य में सबसे पहले दसवीं यानी हाई स्कूल के छात्र छात्राओं को काउंसलिंग कराए जाने का मौका मिलेगा। माना जा रहा है बोर्ड परीक्षा में पहली बार शामिल होने वाले यह छात्र छात्राओं को मनोवैज्ञानिक काउंसलर की जरूरत अधिक होती है। ऐसी स्थिति में पहले चरण में यदि किसी छात्र छात्राओं को तनाव या अवसाद की समस्या या लक्षण सामने आते हैं तो दूसरे चरण में भी ऐसे बच्चों को काउंसलिंग के कार्य में शामिल किया जाएगा।