पाठ्यक्रम 50 प्रतिशत तक कम करने की तैयारी शुरू

कोरोना की दूसरी लहर की आशंका को लेकर सरकारें आम जनता को चेतावनी दे रही हैं। 2020-21 शैक्षणिक सत्र शुरू हुए तकरीबन सात महीने बीत चुके हैं लेकिन पढ़ाई-लिखाई पटरी पर नहीं आ सकी है। इस बीच यूपी बोर्ड ने कक्षा 9 से 12 तक का सिलेबस 50 प्रतिशत तक कम करने पर विचार कर रहा है। सूत्रों के अनुसार दूसरी लहर आई तो कटौती 30 फीसदी से बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दी जाएगी।

कोरोना के कारण पढ़ाई प्रभावित होने पर बोर्ड ने 28 हजार से अधिक स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा 9 से 12 तक के तकरीबन सवा करोड़ छात्र-छात्राओं का पाठ्यक्रम 20 जुलाई को 30 प्रतिशत कम कर दिया था। इसी के आधार पर स्कूलों को पठन-पाठन के निर्देश दिए गए थे। लेकिन उसके बाद से तीन महीने का समय बीत चुका है और पढ़ाई-लिखाई का माहौल सामान्य नहीं हो सका है। 

19 अक्तूबर से स्कूलों को खोल दिया गया है लेकिन शहरी क्षेत्र में बच्चों की संख्या बहुत कम है। इस बीच सीबीएसई और सीआईएससीई ने भी अपना पाठ्यक्रम 50 प्रतिशत तक कम करने की तैयारी शुरू कर दी है। इसकी जानकारी यूपी बोर्ड के अधिकारियों को हुई तो उन्होंने भी अपनी आंतिरक तैयारी शुरू कर दी। हालांकि इस संबंध में अभी शासन से कोई आदेश नहीं मिला है। 

मुख्य बिंदु
– विषय विशेषज्ञों से 50 फीसदी के आधार पर तैयार करा रहे पाठ्यक्रम
-19 अक्तूबर से स्कूल तो खुले, लेकिन बच्चों की उपस्थिति है कम
– हालात में सुधार न हुआ तो कक्षा 9 से 12 तक का कोर्स कम करेंगे
-सीबीएसई और सीआईएससीई भी कोर्स कम करने पर कर रहे विचार

बोर्ड ने विभिन्न विषयों के विशेषज्ञों को बुलाकर पाठ्यक्रम 50 प्रतिशत तक कम करने को कहा है। सूत्रों के अनुसार कुछ विषयों के विशेषज्ञों ने 50 फीसदी कोर्स कम करके बोर्ड को सौंप भी दिया है।

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