केन्द्र और राज्य की टीमों के निरीक्षण में मानक पर खरे न उतरने वाले 115 निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) पर मान्यता निरस्त होने का खतरा मंडराने लगा है। इन आईटीआई में युवाओं को प्रशिक्षित करने के लिए निर्धारित मानकों के तहत संसाधनों का अभाव पाया गया। निरीक्षण दल ने इन आईटीआई के बारे में अपनी रिपोर्ट प्रदेश सरकार को भेज दी है। इस रिपोर्ट पर सरकार के अनुमोदन के बाद केन्द्र में महानिदेशक (प्रशिक्षण) इनकी मान्यता निरस्त करने का फैसला लेंगे।
प्रदेश में करीब तीन हजार निजी आईटीआई करीब चार लाख युवाओं को व्यवसायिक प्रशिक्षण दे रहे हैं। इन सभी आईटीआई में केन्द्र सरकार की नेशनल कौंसिल ऑफ वोकेशनल ट्रेनिंग (एनसीवीटी) के पाठ्यक्रम के तहत युवाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है।
एक कमरे में चलते पाए गए आईटीआई
दरअसल, निजी आईटीआई संचालकों का संगठन प्रशिक्षुओं से ली जाने वाली फीस को निर्धारित करने की मांग कर रहा था। इस पर व्यवसायिक शिक्षा विभाग की शर्त थी कि फीस निर्धारित करने के बाद सभी निजी आईटीआई के प्रशिक्षुओं की परीक्षा राज्य व्यवसायिक प्रशिक्षण परिषद के तहत ली जाएंगी। इनमें प्रवेश भी राजकीय आईटीआई के साथ एक साथ लिया जाएगा। इसके लिए सभी निजी आईटीआई का निरीक्षण किया जाएगा। संगठन ने इस शर्त को मान लिया। इसके बाद केन्द्र व राज्य सरकार के व्यवसायिक शिक्षा विभाग के संयुक्त निदेशक स्तर के अधिकारियों ने पिछले महीने सभी निजी आईटीआई का विशेष निरीक्षण किया। इसमें पाया गया कि कुछ निजी आईटीआई तो एक कमरे में चल रहे थे। किसी के पास उपकरण नहीं थे तो किसी के पास फैकल्टी।
मान्यता खत्म करने की संस्तुति
निरीक्षण टीमों ने अपनी रिपोर्ट व्यवसायिक शिक्षा विभाग की भेजी। इसमें पहले चरण में 78 आईटीआई की मान्यता निरस्त करने के लिए विभाग ने केन्द्र के महानिदेशक (प्रशिक्षण) को संस्तुति कर दी है। बाकी रहे गए 37 आईटीआई की आई नकारात्मक रिपोर्टों पर विभाग अपनी संस्तुति महानिदेशक (प्रशिक्षण ) को भेजन की तैयारी कर रहा है। इन सभी आईटीआई की मान्यता निरस्त करने का फैसला महानिदेशक (प्रशिक्षण) की ओर से गठित मान्यता कमेटी लेगी।