मोरोटोरियम (moratorium) का मतलब होता है कि इस अवधि में कर्जधारक को मासिक किस्त चुकाने की आवश्यकता नहीं है. इससे नकदी संकट का सामना कर रहे ऋणधारकों को आसानी हो सकती है. रिजर्व बैंक ने क्रेडिट की जानकारी रखने वाली कंपनियों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि किस्त नहीं चुकाने का असर ऋणधारक के क्रेडिट स्कोर पर ना पड़े.
अब और आसान शब्दों में बतायें, तो मोरेटोरियम उस अवधि को कहते हैं जिस दौरान आपको लिए गए कर्ज पर EMI का भुगतान नहीं करना पड़ता है. इस अवधि को ईएमआई हॉलीडे के रूप में भी जाना जाता है. हालांकि यह सिर्फ ईएमआई टालने का विकल्प है. ऐसा नहीं है कि आपकी ईएमआई से ये 6 किस्तें कम दी जाएंगी. आरबीआई ने Middle Class को दोहरा तोहफा दिया है. रेपो रेट में 40 अंकों की कमी आने का मतलब है कि अब लोन भी सस्ती दरों पर मिलेगा. और फिर इस तीन महीने के मोरेटोरियम पीरियड को जून से अगस्त करने यानी तीन महीने आगे बढ़ाने का मतलब है कि इस बढ़ी अवधि के दौरान आपके Home Loan या Car Loan के बदले अकाउंट से किसी तरह की ईएमआई नहीं काटी जाएगी. उसके बाद Normal Deduction शुरू किया जाएगा. वहीं, इस रिलैक्सेशन से आपकी Credit History पर भी कोई असर नहीं होगा.