उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा आयोग (कठिनाइयों को दूर करना)

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा आयोग (कठिनाइयों को दूर करना) 

(षष्ठमआदेश1983 संख्या-मा०/3556/15-7-5(5)-81, 

लखनऊ : दिनांक : 13 जुलाई, 1983 ___ 1. संक्षिप्त नाम और प्रारम्भः (1) यह आदेश उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा आयोग (कठिनाइयों को दूर करना) (षष्ठम) आदेश, 1983 कहा जायेगा। 

(2) यह तुरन्त प्रवृत्त होगा! 

2. कतिपय नियक्तियों का विनियमितीकरण- किसी नगर महापालिका द्वारा अनुरक्षित किसी हाईस्कूल या इण्टरमीडिएट कालेज में 25 अप्रैल, 1978 से 10 जुलाई, 1981 की अवधि में उत्तर प्रदेश नगर महापलिका अधिनियम, 1959 के उपबन्धों के अधीन बनायी गयी उत्तर प्रदेश नगर महापालिका शिक्षा सेवा नियमावली, 1971 और उत्तर प्रदेश नगर महापलिका शैक्षिक सेवायें (पदनाम, अर्हतायें, वेतनमान, भर्ती की रीति तथा सवारी भत्ता) आदेश, 1973 के अनुसार नियुक्त अध्यापक इस शर्त के अधीन रहते हए कि ऐसा अध्यापक नियुक्ति के समय विहित अर्हता रखता था। 

(क) यदि नियक्ति प्रारम्भ में स्पष्ट रिक्ति में की गयी हों, तो ऐसी नियक्ति के दिन 

(ख) यदि नियक्ति प्रारम्भ मेंकिसी अवकाश रिक्ति में या सत्र के किसी भाग केला रिक्ति में या स्पष्ट रिक्ति से भिन्न रिक्ति में की गयी हो तो उस दिनांक से, जब ऐसी रिक्ति स्पष्ट 

रिक्ति हो गयी हो। 

(ग) यदि नियक्ति प्रारम्भ में किसी ऐसे पद पर की गयी हो जिसके सजन की स्वीकति बाद में इस निमित्त सक्षम प्राधिकारी द्वारा दी गयी हो तो ऐसे सृजन के दिनांक से, मौलिक रूप में नियुक्ति 

रमेश चन्द्र त्रिपाठी, सचिव। 

किया गया समझा जायेगा। 

वालीरिति 

२ 

इण्टरमीडिएट एजूकेशन एक्ट तथा सम्बन्धित विधियाँ / 295 । किसी अध्यापक या संस्था के प्रधान को, जो उपयुक्त पाया जाय, 

यदि नियुक्ति प्रारम्भ में स्पष्ट रिक्ति में की गयी हो तो नियक्ति के दिनांक से; 

यदि नियुक्ति प्रारम्भ में किसी अवकाश रिक्ति से या सत्र के किसी एक भाग के लिये होने रिक्ति में की गयी हो तो उस दिनांक से जब ऐसी रिक्ति स्पष्ट रिक्ति हो गयी हो, 

गो यदि नियुक्ति प्रारम्भ में किसी ऐसे पद पर की गयी हो जिसके सजन की स्वीकृति बाद में निमित्त सक्षम प्राधिकारी द्वारा दी गयी हो तो ऐसी स्वीकृति के दिनांक से (घ) यदि वह प्रारम्भिक नियुक्ति के समय विहित अर्हता न रखता हो तो ऐसी अर्हता के अर्जित 

दिनांक से, मौलिक रूप में नियुक्त किया गया समझा जायेगा। 

यदि किसी अध्यापक या संस्था का प्रधान अनुपयक्त पाया जाये तो उसके मामल का सरकार नर्टिष्ट किया जायेगा और सरकार का विनिश्चय अन्तिम होगा। 

(7) नियुक्ति प्राधिकारी नियुक्ति का औपचारिक पत्र जारी करेगा जिसमें ऐसा दिनांक इंगित किया जायेगा जब से अध्यापक या संस्था का प्रधान मौलिक रूप से नियुक्त किया गया समझा जायेगा। 

(8) उन व्यक्तियों की. जिन्हें पैरा (4) के अधीन चयन समिति द्वारा या पैरा (6) के अधीन सरकार द्वारा उपयुक्त न पाया जाय, सेवायें तत्काल समाप्त कर दी जायगी और उसी समाप्ति पर वे एक मास का वेतन पाने के हकदार होंगे। 

आज्ञा से, रमेश चन्द्र त्रिपाठी 

सचिव। 

000 उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा आयोग (कठिनाइयों को दूर करना) 

(षष्ठमआदेश1983 संख्या-मा०/3556/15-7-5(5)-81, 

___लखनऊ : दिनांक : 13 जुलाई, 1983 – 1. संक्षिप्त नाम और प्रारम्भः (1) यह आदेश उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा आयोग (कठिनाइयों को दूर करना) (षष्ठम) आदेश, 1983 कहा जायेगा। 

(2) यह तुरन्त प्रवृत्त होगा। 

2कतिपयनियुक्तियों का विनियमितीकरण- किसी नगर महापालिका द्वारा अनुरक्षित किसी हाईस्कूल या इण्टरमीडिएट कालेज में 25 अप्रैल, 1978 से 10 जुलाई, 1981 की अवधि में उत्तर प्रदेश नगर महापलिका अधिनियम, 1959 के उपबन्धों के अधीन बनायी गयी उत्तर प्रदेश नगर महापालिका शिक्षा सेवा नियमावली, 1971 और उत्तर प्रदेश नगर महापलिका शैक्षिक सेवायें (पदनाम अर्हतारों वेतनमान, भर्ती की रीति तथा सवारी भत्ता) आदेश, 1973 के अनुसार नियुक्त अध्यापक इस शर्त के अधीन रहते हए कि ऐसा अध्यापक नियुक्ति के समय विहित अर्हता रखता था। 

(क) यदि नियक्ति प्रारम्भ में स्पष्ट रिक्ति में की गयी हो, तो ऐसी नियक्ति के दिनांक 

(ख) यदि नियक्ति प्रारम्भ में किसी अवकाश रिक्ति में या सत्र के किसी भाग के लिए होने वाली रिक्ति में या स्पष्ट रिक्ति से भिन्न रिक्ति में की गयी हो तो उस दिनांक से, जब ऐसी रिक्ति स्पष्ट रिक्ति हो गयी हो। 

(ग) यदि नियक्ति प्रारम्भ में किसी ऐसे पद पर की गयी हो जिसके सृजन की स्वीकृति बाद में इस निमित्त सक्षम प्राधिकारी द्वारा दी गयी हो तो ऐसे सृजन के दिनांक से, मौलिक रूप में नियक्ति किया गया समझा जायेगा। 

रमेश चन्द्र त्रिपाठी, सचिव ।

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