दिल्ली के सरकारी स्कूलों में रिजल्ट, बुनियादी सुविधाओं, शिक्षकों की उपस्थिति, स्कूलों के प्रदर्शन में सुधार की दिशा में कदम बढ़ाया गया है। अब शिक्षक स्कूलों से अनुपस्थित नहीं रह सकेंगे। शिक्षा अधिकारी अब सप्ताह में तीन दिन स्कूलों का निरीक्षण करेंगे। शिक्षा अधिकारियों के लिए फरवरी तक यह निरीक्षण करना अनिवार्य है। अधिकारी सोमवार, बुधवार व शुक्रवार को स्कूलों में सुबह के समय निरीक्षण करेंगे। निरीक्षण के दौरान अधिकारी देखेंगे कि स्कूलों में चल रहे शैक्षणिक प्रयास नीव, निपुण संकल्प, राष्ट्रनीति, साइंस ऑफ लीविंग का सही से क्रियान्यवन हो रहा है या नहीं।
कम प्रदर्शन वाले स्कूलों पर विशेष ध्यान
निरीक्षण का मुख्य फोकस शैक्षणिक विकास पर होगा। इस दौरान अर्धवार्षिक परीक्षा परिणामों की जांच, सीखने में कमियों की पहचान, कम प्रदर्शन करने वाले स्कूलों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसके साथ ही शिक्षण अधिगम सामग्री, समय सारिणी और छात्रों एवं शिक्षकों के बीच अनुशासन की जांच होगी।
निरीक्षण के दौरान कम से कम 15 मिनट कक्षा अवलोकन और अधिगम मू्ल्यांकन किया जाएगा। इसमें अधिकारियों को कक्षा में शिक्षक एवं छात्र की उपस्थिति का सत्यापन सुनिश्चित करना होगा। इसके अलावा स्कूल के भीतर पुस्तकालय, खेल, कंप्यूटर लैब, साइंस लैब, स्पोट्र्स सुविधाओं का उपयोग किया जा रहा है या नहीं, इसको भी देखना होगा। निदेशालय ने स्पष्ट किया है कि इस संबंध में किसी भी चूक को शिक्षा निदेशक की ओर से गंभीरता से लिया जाएगा।