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50 साल से ऊपर के कर्मचारियों को रिटायर करने की तैयारी
समीरात्मज मिश्र
07.07.2022७ जुलाई २०२२
उत्तर प्रदेश सरकार ने फैसला किया है कि वह अपने उन कर्मचारियों को रिटायर कर देगी जो पचास साल की उम्र पार कर चुके है
राज्य के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने मंगलवार को सभी विभागों में 50 वर्ष की आयु पूरी कर चुके कर्मचारियों की स्क्रीनिंग करने का काम 31 जुलाई तक पूरा करने का शासनादेश जारी किया है. इसके तहत जिन कर्मचारियों ने 31 मार्च, 2022 तक 50 साल की उम्र पूरी कर ली हो, वो स्क्रीनिंग के दायरे में आएंगे. स्क्रीनिंग में कर्मचारियों का एसीआर यानी एनुअल कॉन्फिडेंशियल रिपोर्ट भी देखा जाता है.
शासनादेश में कहा गया है कि राजकीय सेवा नियमावली के तहत नियुक्ति अधिकारी किसी भी समय किसी भी कार्मिक को पचास वर्ष की आयु पूरी करने के बाद बिना कोई कारण बताए तीन महीने का नोटिस देकर अनिवार्य रूप से रिटायर कर सकता है. मुख्य सचिव ने अनिवार्य रूप से रिटायर किए गए कर्मचारियों की सूचना 15 अगस्त तक कार्मिक विभाग को प्रस्तुत करने के निर्देश दिए है. शासनादेश में यह भी कहा गया है कि स्क्रीनिंग कमेटी यदि किसी कर्मचारी को बहाल रखने का फैसला करती है तो उस कर्मचारी को दोबारा स्क्रीनिंग से नहीं गुजरना होगा।
दो साल से स्क्रीनिंग बंद थी
स्क्रीनिंग का काम पहले भी चल रहा था लेकिन दो साल से कोविड संक्रमण की वजह से बंद था. साल 2018 से अब तक यूपी में 450 से ज्यादा कर्मचारियों को अनिवार्य रिटायरमेंट दिया जा चुका है. इनमें राजपत्रित अधिकारी भी शामिल हैं. पिछले साल मार्च में तीन आईपीएस अधिकारियों को भी अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई थी जिनमें अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक स्तर के चर्चित अधिकारी अमिताभ ठाकुर भी शामिल थे. उनके अलावा राजेश कृष्णा और राकेश शंकर को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई थी. अब तक कोई आईएएस अधिकारी इस दायरे में शामिल नहीं हुआ है.
उत्तर प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों की संख्या लाखों में है
उत्तर प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों की संख्या लाखों में हैतस्वीर: Sharurabh Sharma/DW
पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर इस शासनादेश को ही गैरकानूनी मानते हैं और कहते हैं कि कोर्ट के सामने यह टिक नहीं पाएगा. डीडब्ल्यू से बातचीत में उन्होंने कहा कि अपने मामले में भी वो कोर्ट में गए हैं और कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे हैं. वहीं राज्य कर्मचारियों के संगठनों ने सरकार के इस फैसले पर सख्त नाराजगी दिखाई है और इसके खिलाफ आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं.