विद्यालय का श्रेणीकरण एवं अनुश्रवण

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उद्देश्य :

  • माध्यमिक स्तर की शिक्षा में गुणवत्ता में संवर्द्धन के उद्देश्य से मूल्यांकन एवं अनुश्रवण कर शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार।
  • भौतिक संसाधनाो की मैपिंग :
    • राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के ऑनलाइन श्रेणीकरण से सम्बन्धित विद्यालयों की भौतिक अवस्थापनाओं की रिसोर्स मैपिंग हेतु मोबाइल ऐप विकसित।।
    • ऐप पर प्राप्त सूचना के आधार पर विद्यालय में उपलब्ध भौतिक संसाधन, आवश्यकताओं की जानकारी तथा उक्त की पूर्ति हेतु नियोजन एवं आवश्यक बजटीय व्यवस्था एवं कन्वर्जेन्स के माध्यम से आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित कराये जाने हेतु कार्ययोजना विकसित की जा सकेगी।

विद्यालयों की ग्रेडिंग हेतु मानक अंक :

क्र0सं0मानकअंक
1विद्यालय का परीक्षाफल (कक्षावार एवं बोर्ड परीक्षाफल के आधार पर) तथा शैक्षणिक उत्कृष्ट(एकेडमिक एक्सिलेंस ) का मूल्यांकन।50
2विषयवार पाठ्यक्रम (त्रैमास लक्ष्य तथा सम्पूर्ण पाठ्यक्रम के लक्ष्य के सापेक्ष) के अनुसार शिक्षण कार्य को पूर्ण कराया जाना।30
3विद्यालय में नामांकन के सापेक्ष छात्र व छात्रा उपस्थिति विवरण30
4विद्यालय मे कार्यरत् शिक्षक/स्टाफ का विवरण एवं उसके सापेक्ष उपस्थिति30
5भौतिक संसाधन30
6विद्यालय परिसर का सौन्दर्यीकरण एवं रख-रखाव10
7पाठ्य सहगामी क्रियाकलाप10
8पाठ्येत्तर क्रियाकलाप10
उपरोक्त मानक के मापदण्ड पर 200 अंकों में प्राप्त अंक के आधार पर विद्यालय का श्रेणीकरणकिया जायेगा।200

उक्त मानक में शैक्षिक गुणवत्ता संवर्द्धन हेतु पाठ्यक्रम के अनुसार, शिक्षण कार्य, परीक्षा परिणाम एवं उपस्थिति पर अधिक अंक रखे गये है।

मानकों के दृष्टिगत प्राप्त अंकों के आधार पर विद्यालय का निम्नवत श्रेणीकरण किया जायेगा :

क्र0सं0प्राप्तांकप्रतिशतश्रेणीटिप्पणी
1160.01 से 200 तक80.01% से 100% तकउत्कृष्ट
2120.01 से 160 तक60.01% से 80% तकबीबहुत अच्छा
380.01 से 120 तक40.01% से 60% तकसीअच्छा
440.01 से 80 तक20.01% से 40% तकडीसंतोषजनक
51 से 40 तक0% से 20% तकअसंतोषजनक

लाभ :

  • 2295 राजकीय विद्यालयों की ऑन लाइन मॉनीटरिंग द्वारा नियमित रूप से निर्धारित पाठ्यक्रम के अनुसार शिक्षण कार्य की प्रगति का जनपद, मण्डल एवं राज्य स्तर पर अनुश्रवण।
  • विद्यालय में कार्यरत् शिक्षक, शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की दैनिक उपस्थिति के नियमित अनुश्रवण से शिक्षण कार्यो की गुणवत्ता में सुधार।
  • छात्रों की मासिक आधार पर उपस्थिति की ट्रैकिंग से विद्यालय में छात्रों की रिटेन्शन दर में सुधार।
  • जनपद / राज्य स्तर पर सर्वोच्च अंक प्राप्त विद्यार्थियों का विवरण प्राप्त होने से विद्यालयों के परीक्षाफल प्रदर्शन में सुधार होगा।
  • पाठ्य सहगामी क्रियाकलापों के विविध सुविधाओं की उपलब्धता एवं आवश्यकता पूर्ति हेतु कार्ययोजना से विद्यार्थियों के शैक्षिक स्तर में वृद्धि एवं सर्वांगींण विकास।
  • सभी राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में उपलब्ध मानवीय, भौतिक संसाधनों की जानकारी, आवश्यकताओं का आंकलन, प्राथमिकता का निर्धारण व नियोजन कर कार्ययोजना एवं संसाधन की व्यवस्था। विद्यालय, अध्ययनरत विद्यार्थियों को बेहतर मूलभूत सुविधाएं।
  • अभिभावकों, विद्यालय प्रबन्ध समितियों एवं जन सामान्य को विद्यालय में उपलब्ध मानवीय संसाधनो, शिक्षण कार्य, छात्रा-छात्राओं की उपस्थिति, विद्यालय की मूलभूत सुविधाओं की जानकारी तथा पूर्ति हेतु प्रयासो की प्रेरणा।
  • विद्यालयों का श्रेणीकरण, विद्यालयों को स्वस्थ शैक्षिक प्रतिस्पर्धा हेतु प्रेरित करेगा।
  • शैक्षिक नियोजन, प्रबन्धन एवं प्रशासन में सुगमता।

आच्छादन :

  • प्रदेश के संचालित सभी 2295 राजकीय माध्यमिक विद्यालय तथा उक्त में कार्यरत् शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारी।
  • प्रदेश के संचालित सभी 2295 राजकीय माध्यमिक विद्यालयो में अध्ययनरत् छात्र-छात्रा।
  • अभिभावक, विद्यालय प्रबन्ध समितियां एवं जन सामान्य।
  • जनपद स्तर – प्रदेश के सभी 75 जनपद के जिला विद्यालय निरीक्षक, सह जिला विद्यालय निरीक्षक एवं जिला विद्यालय निरीक्षक-II तथा उनका कार्यालय।
  • मण्डल स्तर – प्रदेश के सभी 18 मण्डल के संयुक्त शिक्षा निदेशक, उप शिक्षा निदेशक तथा उनका कार्यालय।
  • राज्य स्तर – शिक्षा निदेशालय प्रयागराज तथा शिविर कार्यालय, लखनऊ के अधिकारी।

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