उन्नाव। ट्रेेंड ग्रेजुएट टीचर (टीजीटी) उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को छह माह बाद भी नियुक्ति पत्र न देने पर सोमवार को डीआईओएस राजेंद्र कुमार पांडेय को उन्हीं के दफ्तर में नजरबंद कर दिया गया। मुख्यमंत्री कार्यालय से फोन आने के बाद डीएम ने डीआईओएस के कक्ष में पुलिस का पहरा लगा दिया। कहा गया कि जब तक सभी अभ्यर्थियों के नियुक्ति पत्र तैयार न हो जाएं वे कार्यालय से नहीं जाएंगे। नजरबंद होते ही डीआईओएस ने अभिलेखीय कार्रवाई शुरू कराई।
टीजीटी व पीजीटी अभ्यर्थियों का 31 अक्टूबर 2021 को रिजल्ट आया था। इसके बाद जिले के अलग-अलग स्कूलों में 150 अभ्यर्थियों की नियुक्ति होनी थी, लेकिन स्कूलों में तदर्थ शिक्षकों के तैनात होने से अभ्यर्थियों को नियुक्ति नहीं मिल पा रही थी। अभ्यर्थी महीनों तक डीआईओएस कार्यालय के चक्कर लगाते रहे। कुछ हल नहीं निकला तो कुछ अभ्यर्थियों ने न्यायालय का सहारा लिया। इस दौरान 114 अभ्यर्थियों को स्कूलाें में नियुक्ति दे दी गई, लेकिन 36 टीजीटी अभ्यर्थियों को अभी तक नियुक्ति नहीं मिल पाई। ये सब आठ नवंबर 2021 से भटक रहे हैं। डीआईओस कार्यालय के चक्कर लगाते थक चुके सभी 36 अभ्यर्थी सोमवार को मुख्यमंत्री से मिले और शिकायत की। मुख्यमंत्री ने सभी को आश्वासन दिया कि जिले में पहुंचें, आज ही नियुक्ति होगी। कुछ ही देर में सीएम कार्यालय से डीएम के पास फोन पहुंचा। इसके बाद डीएम ने डीआईओएस पर पुलिस का पहरा बैठा दिया।
निर्देश दिए कि जब तक सभी अभ्यर्थियों की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी नहीं कर लेते, कार्यालय से नहीं जाएंगे। जो स्कूल प्रबंधक नियुक्ति देने में आनाकानी करे उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएं। सीडीओ ने अभिलेखीय कार्रवाई पूरी होते ही उसी समय अपने कार्यालय आने को कहा है। रात नौ बजे तक कार्रवाई जारी रही।