माननीय शिक्षा मंत्री जी ने वित्त वर्ष 2020-21 में तत्काल प्रभाव से कार्यान्वयन के लिए, 224.95 करोड़ रु. के वित्तीय परिव्यय से एक केंद्र प्रायोजित योजना के रूप में वयस्क शिक्षा की एक नई योजना (पढ़ना लिखना अभियान) अनुमोदित की है जिसमें केंद्रीय अंश 148.74 करोड़ रु. और राज्य अंश 76.21 करोड़ रु. है तथा जिसका वास्तविक लक्ष्य 57 लाख शिक्षार्थियों को साक्षर बनाना है।
- कार्यक्रम का फोकस चार महीने के चक्र में बुनियादी साक्षरता घटक पर होगा, आकांक्षी जिलों को प्राथमिकता दी जाएगी।
- इस कार्यक्रम में ग्रामीण और शहरी दोनों तरह के क्षेत्रों को शामिल किया जाएगा, राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के लक्ष्य और बजट संलग्न ओपेरेशनल दिशानिर्देशों में दिए गए विवरण के साथ अनुबंध में दिए गए हैं। राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों द्वारा जिलों को लक्ष्य वितरित किए जाएंगे।
- बुनियादी साक्षरता प्रदान करने के लिए इस योजना में स्कूल और कॉलेज के छात्रों और एनसीसी, एनएसएस और एनवाईकेएस के स्वयंसेवकों को शामिल करने जैसे लचीले दृष्टिकोण और अभिनव पद्धतियों का सहारा लिया जाएगा।
- राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों की वार्षिक योजनाओं को मंजूरी देने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक परियोजना अनुमोदन बोर्ड (पीएबी) होगा। पीएबी की बैठकों में शिक्षा विभागों के सचिव एनआईसी द्वारा विकसित किए जा रहे पोर्टल पर जिला योजनाओं के आधार पर अपनी-अपनी वार्षिक योजनाएं प्रस्तुत करेंगे।
- ग्रामीण विकास मंत्रालय (मनरेगा), कौशल विकास मंत्रालय, संस्कृति मंत्रालय, सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, वित्त मंत्रालय, खेल और युवा कल्याण मंत्रालय (एनवाईके) की परियोजनाओं, एनसीसी और एनएसएस, गैर सरकारी संगठनों/ सिविल सोसायटी और सीएसआर क्षेत्र की योजनाओं के साथ संमिलन किया जा सकता है।
- स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी), स्वैच्छिक और उपयोगकर्ता समूहों और अन्य समुदाय आधारित संगठनों के गठन और भागीदारी को प्रोत्साहित किया जा सकता है।
- इस योजना के तहत वयस्क शिक्षार्थियों के लिए बुनियादी साक्षरता मूल्यांकन राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी संस्थान (एनआईओएस) द्वारा साल में तीन बार किया जाएगा।
इस योजना के ओपेरेशनल दिशानिर्देश तैयार कर लिए गए हैं। योजना की निगरानी के लिए एक ऑनलाईन पोर्टल https://pla.education.gov.in(link is external)