आईटीआई में पढ़ने वाले छात्रों को शैक्षणिक सत्र 2022-23 से पहली बार अब ड्रोन कोर्स की पढ़ाई का मौका मिलने जा रहा है। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय के निर्देशों के तहत प्रशक्षिण महानिदेशालय (डॉयरेक्टोरेट जनरल ऑफ ट्रेनिंग) ने इसका पाठ्यक्रम और खाका डिजाइन किया है। केंद्रीय बजट 2022 -23 में ड्रोन कोर्स की पढ़ाई का जिक्र है। इसके तहत आगामी सत्र से देश के चुनिंदा आईटीआई में ड्रोन कोर्स में पढ़ाई और ड्रोन स्टार्टअप का विकल्प मिलेगा।
उधर, केंद्रीय कौशल व उद्यमिता मंत्रालय ने आईटीआई में नए जमाने के रोजगार से जोड़ने वाले ड्रोन कोर्स की पढ़ाई और प्रशिक्षण को लेकर तैयारी भी शुरू कर दी है। बजट में प्रावधान होने के साथ ही अब राज्य सरकारों और आईटीआई प्रबंधन को इसकी गाइडलाइन भेजी जा रही है।
वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, पॉलिसी और मंजूरी मिलने के बाद अब ड्रोन क्षेत्र में भविष्य बनाने वाले छात्रों के लिए एक बेहतरीन विकल्प होगा। अभी तक आईआईटी जैसे संस्थानों में भी ड्रोन को लेकर कोई कोर्स या पढ़ाई नहीं होती है। आईटीआई के छात्रों के पास इस समय बेहतरीन मौका है कि वे ड्रोन कोर्स में दाखिला लेकर नए जमाने के रोजगार से जुड़ सकें।
कृषि, रक्षा व यातायात क्षेत्र में होना है प्रयोग:
केंद्रीय बजट में %ड्रोन शक्ति: स्टार्टअप% को भी मंजूरी मिली है। इसका मकसद ड्रोन बनाने वाले स्टार्टअप को बढ़ावा देना है। ड्रोन का बतौर सेवा इस्तेमाल किया जाएगा। किसान ड्रोन से फसलों की पहचान, जमीन के रिकार्ड व कीटनाशक के छिड़काव का काम भी करेंगे। इसके अलावा पहाड़ी क्षेत्रों और आपदा के दौरान दवा, खाना, पानी आदि पहुंचाने का काम करें। वहीं, यदि दुर्घटना होती है तो यह भी पता लगाया जा सकता है कि आपदास्थल में कोई व्यक्ति तो नहीं है। इसके अलावा रक्षा क्षेत्र में भी ड्रोन से काम लेने की योजनाएं हैं।
इन कोर्स में पढ़ाई का मौका
केंद्रीय कौशल विकास व उद्यमीतता मंत्रालय के अधीनस्थ प्रशिक्षण महानिदेशालय ने आईटीआई में ड्रोन से संबंधित पढ़ाई को लेकर विशेष कोर्स और प्रशिक्षण पाठ्यक्रम व खाका डिजाइन किया है। इसमें रिमोटली पाइलेटेड एयरक्राफ्ट (आरपीए),ड्रोन तकनीशियन रिमोटली पायलेटेड एयरक्राफ्ट (आरपीए),शिल्पकार प्रशिक्षण योजना (सीटीएस), ड्रोन पायलट ड्रोन पायलट (रिफ्रेशर कोर्स), ट्रेड में कोर्स व प्रशिक्षण कार्यक्रम तैयार कर लिया है। इसके अलावा सेक्टर स्किल काउंसिल द्वारा ड्रोन असेंबली/मरम्मत/कोडिंग आदि में शॉर्ट टर्म कोर्स भी डिजाइन किए गए हैं।
विदेशों में भी मान्य होगा कोर्स:
प्रशिक्षण महानिदेशालय को आईटीआई में कार्यान्वयन के लिए नेशनल स्किल क्वालीफिकेशन फ्रेमवर्क ( एनएसक्यूएफ ) के अंतर्गत स्वीकृत ड्रोन पर योग्यता टैग भी मिला है। यह टैग मिलने के बाद कोर्स करने वालों को भारत ही नहीं विदेशों में भी नौकरी या अपना काम शुरू करने में कोई दिक्कत नही आएगी।
दरअसल वहां भी यह मान्य होंगे। उपरोक्त कार्यक्रम सभी राज्यों के चुनिंदा आईटीआई में शुरू किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त, एनएसडीसी और एसएससी विभिन्न उद्योग संघों के माध्यम से इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को लागू करने में भी मदद करेंगे। इसमें कृषि, रसायन और उर्वरक आदि मंत्रालयों की बहु-कौशल जरूरतों को भी ध्यान में रखा जाएगा।