देश के विभिन्न राज्यों में दसवीं और बारहवीं बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी शुरू हो चुकी है। हालांकि, इस बीच कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वैरिएंट का खतरा भी बढ़ता जा रहा है। इस खतरे को देखते हुए राज्य सरकारों ने वैकल्पिक उपायों पर भी विचार करने शुरू कर दिए हैं। छात्र भी बोर्ड परीक्षाओं को लेकर संशय में ही चल रहे हैं।
मध्यप्रदेश बोर्ड ने भी बोर्ड परीक्षाओं को लेकर डेटशीट जारी कर दी है। लेकिन ओमिक्रॉन संकट के कारण परीक्षा को लेकर अब भी संशय बरकरार है। ऐसे समय में खबर सामने आई है कि बोर्ड द्वारा परीक्षा में भाग लेने वाले सभी छात्रों की जानकारी मांगी है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि छात्रों के लिए एक वैकल्पिक परिणाम भा तैयार किया जा सके। ओमिक्रॉन संकट के ज्यादा बढ़ने की समस्या आने पर स्थिति को संभाला जा सके।
बोर्ड ने दसवीं और बारहवीं कक्षा के छात्रों के त्रैमासिक, अर्धवार्षिक और प्री-बोर्ड परीक्षा के परिणामों को ऑनलाइन पोर्टल पर अपडेट करने के निर्देश जारी किए गए हैं। ऐसा अंदाजा लगाया जा रहा है कि इन्हीं परिणामों के आधार पर ही छात्रों के मुख्य परिणाम जारी किए जा सकते हैं। बोर्ड द्वारा नवीं और दसवीं कक्षा के परिणामों को ऑनलाइन पोर्टल पर अपडेट करने की समय सीमा 31 दिसंबर 2021 रखी गई है। वहीं, ग्यारहवीं और बारहवीं के परिणामों को अपडेट करने के लिए आखिरी तारीख 15 जनवरी 2021 है।
स्कूल भी हो सकते हैं बंद
राज्य में ओमिक्रॉन के संकट के बढ़ने पर सरकार द्वारा स्कूलों को बंद भी किया जा सकता है। कोरोना महामारी के प्रकोप के कारण लंबे समय बाद मध्यप्रदेश में फिर से स्कूलों को वापस से शुरू किया गया है। इससे पहले सरकार ने राज्य में नाईट कर्फ्यू की घोषणा कर दी है। देश भर में अब तक ओमिक्रॉन के मरीजों की संख्या 300 के पार हो गई है।
महाराष्ट्र में भी स्कूल हो सकते हैं बंद
इससे पहले महाराष्ट्र की स्कूल शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड़ ने बुधवार को कहा था कि यदि राज्य में कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट के मामले लगातार बढ़ते रहे और मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी जारी रही तो सरकार राज्य में स्कूलों को बंद कर सकती है। स्थिती की निगरानी की जा रही है।