नई दिल्ली (एसएनबी)। उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को राज्य शिक्षा बोर्डों को बारहवीं कक्षा के आतंरिक मूल्यांकन के परिणाम ३१ जुलाई तक घोषित करने का निर्देश दिया और यह स्पष्ट कर दिया कि प्रत्येक बोर्ड़ स्वायत्त है और छात्रों के मूल्यांकन के लिए अपनी पद्धति बनाने के लिए स्वतंत्र भी है॥। न्यायालय ने कहा कि देशभर में छात्रों के मूल्यांकन के लिए एक जैसी पद्धति बनाने के बारे में वह कोई निर्देश नहीं देगा। उसने राज्य बोड़रं से कहा कि वे पद्धति जल्द से जल्द बनाएं और इसमें बृहस्पतिवार से लेकर अगले दस दिन से अधिक विलंब नहीं होना चाहिए। न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी की पीठ ने कहा कि प्रत्येक बोर्ड़ को अपनी पद्धति स्वयं विकसित करनी होगा। पीठ ने कहा‚ ‘हम बोड़रं को निर्देश देते हैं कि वे जल्द से जल्द पद्धति विकसित करें और इसमें आज से लेकर अगले दस दिन से अधिक विलंब नहीं होना चाहिए। बोर्ड़ ३१ जुलाई २०२१ तक आंतरिक मूल्यांकन के परिणाम भी घोषित करें‚ जो समय सीमा सीबीएसई तथा सीआईएससीई के लिए निर्धारित की गई है।’॥ शीर्ष अदालत जिस याचिका पर सुनवाई कर रही थी उसमें राज्यों को कोविड़–१९ महामारी के मद्देनजर बोर्ड़ परीक्षाएं आयोजित नहीं करवाने का निर्देश देने की मांग की गई है। पीठ ने कहा‚ ‘हम साफ कर रहे हैं कि प्रत्येक बोर्ड़ अपनी पद्धति तय कर सकता है। वीडि़यो कॉन्फ्रेंस से हुई सुनवाई के दौरान अधिवक्ता ने पीठ को सूचित किया कि जो राज्य बोर्ड़ बारहवीं की परीक्षा निरस्त कर चुके हैं उन्हें छात्रों के मूल्यांकन के लिए एक समान पद्धति अपनाने को कहा जा सकता है। ॥ दयाचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने दिए निर्देश॥
Related Posts
परिषदीय विद्यालय एक और माध्यमिक विद्यालय 6 जुलाई से खोलने का आदेश
निर्वाचनअधिकारियों के लिए हैन्डबुक,
OBSERVER HAND BOOK, FEBRUARY 2021, ED.7 VOLUME 1, 2 & 3ECI द्वाराOBSERVER HAND BOOK, FEBRUARY 2021, ED.7 VOLUME 1, 2…
राजकीय आश्रम पद्धति इंटर कॉलेज-2021 की प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम जारी
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने प्रवक्ता राजकीय आश्रम पद्धति इंटर कॉलेज-2021 की प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम बृहस्पतिवार को…