अपर मुख्य सचिव पंचायती राज मनोज कुमार सिंह ने बताया कि पंचायत चुनाव ड्यूटी में तैनात किए कर्मचारियों की यदि कोरोना से ३० दिन बाद भी मृत्यु हो जाती है तो उनके परिजन ३० लाख की अनुग्रह धनराशि के लिए पात्र होंगे। शासन की ओर से ऐसे प्रकरणों के आवेदन आने पर उनकी समीक्षा व निराकरण के लिए मंडलवार अधिकारी तैनात किए हैं। यह अधिकारी अपलोड किए जा रहे आवेदन पत्रों तथा अभिलेखों की जांच करेंगे और पात्र होने पर उन्हें शासन को उपलब्ध कराएंगे॥। उन्होंने बताया कि इसके लिए मंडलवार अधिकारियों की तैनाती की गई है इसमें आगरा मंडल में अक्षय पटेल‚ अलीगढ़ में तुहीना राय‚ अयोध्या में अश्वनी कुमार‚ आजमगढ़ में डा. प्रीति सिंह‚ बरेली में सुशील कुमार‚ बस्ती में माहिम‚ चित्रकूट में प्रभात चंद्र अवस्थी‚ देवीपाटन में रितेश शर्मा‚ गोरखपुर में ओपी मणि त्रिपाठी‚ झांसी में शिवानी‚ कानपुर में संजय चौहान‚ लखन> में संतोष कुमार‚ मेरठ में सुनीता सिंह‚ मिर्जापुर में मोहम्मद तारिक‚ मुरादाबाद में मनोज कुमार‚ प्रयागराज में जितेंद्र कुमार‚ सहारनपुर में अजय कुमार तथा वाराणसी में प्रशांत कुमार को तैनात किया गया है। उन्होंने बताया कि ड्यूटी अवधि की जो परिभाषा भारत निर्वाचन आयोग द्वारा तय की गई है उसी को आधार मानकर राज्य निर्वाचन आयोग ने भी इसे तय किया है॥। उसमें कोविड–१९ की वजह से होने वाले इन्फेक्शन व इसके फलस्वरूप होने वाली मृत्यु में जो समय लगता है उसका निर्धारण नहीं किया गया है। अत& अनुग्रह धनराशि की पात्रता के लिए निर्वाचन ड्यूटी की तिथि से ३० दिन के अंदर कोविड–१९ की वजह से होने वाली मृत्यु को पात्रता में लाया गया है। उन्होंने कहा कि इसके oष्टिगत निर्वाचन ड्यूटी की तिथि से ३० दिन के अंदर कोविड–१९ से मृत्यु के पैरामीटर को अनुग्रह धनराशि की भुगतान के लिए रखा जाए तो लगभग सभी प्रभावित परिवारों को कवर किया जा सकता है। कोविड–१९ से मृत्यु के साIय के लिए एंटीजन या आरटीपीसीआर की पॉजिटिव टेस्ट रिपोर्ट‚ ब्लड रिपोर्ट व सीटी स्कैन में कोविड–१९ का इंफेक्शन होना माना जा सकता है। कोविड–१९ से प्रभावित व्यक्ति कुछ परिस्थितियों में टेस्ट में नेगेटिव आने के बाद भी पोस्ट कोविड काम्पलीकेशन से उसकी मृत्यु हो सकती है। यह मृत्यु भी कोविड–१९ की वजह से ही मानी जाती है। इस श्रेणी के प्रकरणों को ३० दिन के अंदर मृत्यु की दशा में कवर किया जाएगा॥।