68500 अध्यापक भर्ती पास होने के बाद भी नहीं मिला नियुक्तिपत्र

प्रदेश सरकार की ओर से 2018 में हुई 68500 सहायक अध्यापक भर्ती में मूल्यांकन की गड़बड़ी के शिकार अभ्यर्थियों की परेशानी अभी तक दूर नहीं हो सकी है। इस भर्ती में हाईकोर्ट के आदेश के बाद पुनर्मूल्यांकन में सफल 102 अभ्यर्थियों की सूची सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय से सचिव बेसिक शिक्षा परिषद के पास भेजे जाने के बाद भी नियुक्ति नहीं मिल सकी है। ऐसे में 2018 की परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थी 2019 की परीक्षा पास करने वालों से जूनियर हो जाएंगे। 

सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी की ओर से पुनर्मूल्यांकन का परिणाम 19 सितंबर 2020 को जारी किया गया था। परिणाम जारी होने के तीन महीने बीत जाने के बाद भी सचिव बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से नियुक्ति के लिए कोई पहल नहीं की गई है। 2018 की 68500 शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थी 2019 में हुई 69000 शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र मिलने के बाद अपने लिए भी सरकार एवं बेसिक शिक्षा परिषद से नियुक्ति पत्र के लिए गुहार लगा रहे हैं। इन अभ्यर्थियों का कहना है कि सरकार एवं बेसिक शिक्षा परिषद के टाल मटोल के चलते 2018 के अभ्यर्थी 2019 वालों से जूनियर हो जाएंगे।
दिव्यांगों ने कहा शिक्षक भर्ती में उनके अधिकारों का हनन
69000 शिक्षक भर्ती दिव्यांग आरक्षित अभ्यर्थी संगठन उत्तर प्रदेश ने सचिव बेसिक शिक्षा परिषद के नाम ज्ञापन देकर कहा कि शिक्षक भर्ती में उनके अधिकारों का हनन किया गया है। शिक्षक भर्ती में चार फीसदी आरक्षण की मांग दिव्यांग अभ्यर्थियों की ओर से की गई है। उनका कहना है कि सचिव बेसिक शिक्षा परिषद ने दिव्यांग आरक्षण लागू नहीं किया तो बेसिक शिक्षा परिषद कार्यालय पर आमरण अनशन किया जाएगा।

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