वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को बैंकों से केवल रूपे कार्ड को बढ़ावा देने को कहा। उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) भारत के एक दिग्गज उत्पाद ब्रांड की ख्याति अर्जित करे। सीतारमण ने बैंकों से यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देने के साथ डिजिटल तरीके से भुगतान पर जोर देने एवं गैर-डिजिटल भुगतान को यथासंभव हतोत्साहित करने को कहा। भारतीय बैंक संघ (आईबीए) की 73वीं सालाना आम बैठक को संबोधित करते हुए सीतारमण ने बैंकों को सभी खातों को संबंधित ग्राहकों की आधार संख्या से जोड़ने का काम दिसंबर तक पूरा करने को भी कहा। अगर यह उस समय तक पूरा नहीं होता है, तब इसे 31 मार्च, 2021 तक पूरा किया जाना चाहिए। देश में खासकर कोरोना वायरस महमारी के बीच डिजिटल और संपर्क रहित भुगतान पर जोर के साथ वित्त मंत्री ने डिजिटल भुगतान माध्यम को बढ़ावा देने की बात कही। सीतारमण ने कहा कि रूपे कार्ड का उपयोग दुनिया भर में हो रहा है, ऐसे में इसके अलावा कोई अन्य कार्ड देने का मतलब नहीं बनता। रूपे भुगतान कार्ड है जिसे एनपीसीआई ने जारी किया है। रिजर्व बैंक और आईबीए की पहल एनपीसीआई देश में खुदरा भुगतान और निपटान प्रणाली का शीर्ष संगठन है। उन्होंने कहा कि जब रूपे वैश्विक हो गया है, तब ऐसे में मुझे नहीं लगता कि भारतीयों को रूपे के अलावा अन्य कार्ड दिए जाएं। अत: रूपे कोर्ड को बढ़ावा दीजिए। यह सुनिश्चित कीजिए कि एनपीसीआई ब्रांड इंडिया उत्पाद बने। मंत्री ने यह बात ऐसे समय कही है जब सरकार आत्मनिर्भर भारत अभियान को जोर-शोर से बढ़ावा दे रही है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को बैंकों से केवल रूपे कार्ड को बढ़ावा देने को कहा। उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) भारत के एक दिग्गज उत्पाद ब्रांड की ख्याति अर्जित करे। सीतारमण ने बैंकों से यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देने के साथ डिजिटल तरीके से भुगतान पर जोर देने एवं गैर-डिजिटल भुगतान को यथासंभव हतोत्साहित करने को कहा। भारतीय बैंक संघ (आईबीए) की 73वीं सालाना आम बैठक को संबोधित करते हुए सीतारमण ने बैंकों को सभी खातों को संबंधित ग्राहकों की आधार संख्या से जोड़ने का काम दिसंबर तक पूरा करने को भी कहा। अगर यह उस समय तक पूरा नहीं होता है, तब इसे 31 मार्च, 2021 तक पूरा किया जाना चाहिए। देश में खासकर कोरोना वायरस महमारी के बीच डिजिटल और संपर्क रहित भुगतान पर जोर के साथ वित्त मंत्री ने डिजिटल भुगतान माध्यम को बढ़ावा देने की बात कही।
सीतारमण ने कहा कि रूपे कार्ड का उपयोग दुनिया भर में हो रहा है, ऐसे में इसके अलावा कोई अन्य कार्ड देने का मतलब नहीं बनता। रूपे भुगतान कार्ड है जिसे एनपीसीआई ने जारी किया है। रिजर्व बैंक और आईबीए की पहल एनपीसीआई देश में खुदरा भुगतान और निपटान प्रणाली का शीर्ष संगठन है। उन्होंने कहा कि जब रूपे वैश्विक हो गया है, तब ऐसे में मुझे नहीं लगता कि भारतीयों को रूपे के अलावा अन्य कार्ड दिए जाएं। अत: रूपे कोर्ड को बढ़ावा दीजिए। यह सुनिश्चित कीजिए कि एनपीसीआई ब्रांड इंडिया उत्पाद बने। मंत्री ने यह बात ऐसे समय कही है जब सरकार आत्मनिर्भर भारत अभियान को जोर-शोर से बढ़ावा दे रही है।
केवल डिजिटल भुगतान को बढ़ावा
उन्होंने यह भी कहा कि बैंकों को डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहित और अन्य रूप से किए जाने वाले भुगतान को हतोत्साहित करना चाहिए। उन्होंने यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) आधारित भुगतान को अपनाने पर भी जोर दिया। वित्त मंत्री ने कहा कि यूपीआई हमारे सभी बैंकों में आम बोलचाल का शब्द होना चाहिए। एनपीसीआई द्वारा विकसित यूपीआई यानी एकीकृत भुगतान व्यवस्था के जरिये मोबाइल फोन के माध्यम से एक बैंक खाते से दूसरे खाते में तुरंत पैसे का अंतरण किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि वित्तीय समावेश की कहानी अभी पूरी नहीं हुई है। अभी इसे आगे बढ़ाना बाकी है। कई ऐसे खाते हैं, जो अबतक आधार से नहीं जुड़े हैं।
31 मार्च तक प्रत्येक खाता जुड़ेगा आधार से
सीतारमण ने कहा कि प्रत्येक खाता 31 मार्च, 2021 तक आधार से जुड़ना चाहिए और जहां भी जरूरी तथा लागू हो, पैन (स्थायी खाता संख्या) से उसे संबद्ध किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि दिसंबर तक सभी खातों को आधार से जोड़े। अगर यह उस समय तक पूरा नहीं होता, इसे 31 मार्च, 2021 तक पूरा किया जाए। साथ ही जहां भी लागू हो, खातों को पैन से संबद्ध किया जाए। बैंकों के विलय के बारे में वित्त मंत्री ने कहा कि उनकी इच्छा है कि जिन बैंकों में दूसरे बैंकों का विलय हुआ है, वे भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की तरह बड़े वित्तीय संस्थान बने। उन्होंने कहा कि विलय के बाद हमारे पास देश में आठ और एसबीआई जैसे बैंक हो सकते हैं। मुझे भरोसा है कि आप अपनी ऊर्जा इस बात में लगाएंगे कि इस दिशा में कितना बेहतर किया जा सकता है। केवल आकार ही नहीं बल्कि यह भी देखना है कि बैंक विविध गतिविधियों में शामिल हों। भारत का बड़े बैंकों पर जोर है।
बैंक ग्राहकों के प्रति बनें संवेदनशील
वित्त मंत्री ने यह भी कह कि बैंकों को जमीनी स्थिति को समझना चाहिए और ग्राहकों और उनकी जरूरतों को लेकर संवेदशील होने की जरूरत है। बैंकों को ग्राहकों का वैध चिंताओं का समाधान करना चाहिए। कार्यक्रम में वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि अर्थव्यवस्था में पुनरूद्धार के संकेत दिख रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस समय सबसे जरूरी है कि उत्पादक क्षेत्रों को ऋण का प्रवाह हो और बैंकों की इस संदर्भ में महत्वपूर्ण भूमिका होगी। वित्तीय सेवा सचिव देबाशीष पांडा ने कहा कि बैंक को प्रौद्योगिकी अपनाने और उसके उपयोग पर जोर होना चाहिए। उन्होंने बैंकों से वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनियों से गठजोड़ करने को कहा ताकि डिजिटल तरीके से कर्ज व्यवस्था को बढ़ावा मिले।