उच्च न्यायालय की ग्वालियर खंडपीठ ने सरकारी कर्मचारी की वेतन वृद्धि रोकने के आदेश को निरस्त कर दिया है। कोर्ट ने कहा, कलेक्टर को नियम-9 के अनुसार तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों पर मामूली जुर्माना लगाने का अधिकार है, लेकिन वेतन वृद्धि जैसे बड़ा दंड देने का अधिकारी कलेक्टर को नहीं है। इस मामले में कोर्ट ने आइओसी पर 10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है, जो एक सप्ताह में जमा करना होगा।
कलेक्टर ग्वालियर ने 30 मई-22 को तत्काल प्रभाव से आरडी पचोरिया सहकारी निरीक्षक के वेतनवृद्धि रोकने का आदेश जारी कर दिया था। इस आदेश के खिलाफ पचोरिया ने हाई कोर्ट में याचिका प्रस्तुत की। इस मामले में लगातार कलेक्टर ग्वालियर को पत्राचार जारी किया, लेकिन उन्होंने कोई जवाब पेश नहीं किया। इसके बाद कलेक्टर ग्वालियर को कोर्ट में पेश होने के निर्देश दिए, लेकिन वह उपस्थित नहीं हुए। इस मामले में ओआइसी द्वारा कोर्ट में गलत जानकारी पेश की गई।
कोर्ट ने कहा, किसी तृतीय और चतुर्थ कर्मचारी की वेतन वृद्धि रोकना एक बड़ा दंड है। यह चौंकाने वाली बात है कि यदि कुछ गलत हो रहा है तो राज्य के अधिवक्ता को चाहिए था कि वह उसे सही दिशा दिखाकर सुझाव देना चाहिए था, लेकिन वह इस फैसले को मामूली दंड बताकर सही ठहराने की कोशिश कर रहे हैं।