डिफेक्टिव टैक्स रिटर्न क्या है?

डिफेक्टिव टैक्स रिटर्न

धारा 139(9) के मुताबिक, वो टैक्स रिटर्न गलत होते हैं जिन्हें फाइल करते समय कुछ ज़रूरी दस्तावेज लगाए ना गए हों। अगर टैक्स अधिकारी द्वारा रिटर्न डिफेक्टिव घोषित कर दिया जाता है तो टैक्स देने वाले को इसकी सूचना दे दी जाती है। सूचना देने के दिन से 15 दिन के अंदर टैक्स देने वाले को इसे ठीक करना होता है। करदाता की ओर से निवेदन करने पर ये समयसीमा बढ़ाई भी जा सकती है।

 

अगर आप अपने टेक्स रिटर्न को डिफेक्टिव नहीं होने देना चाहते तो निम्नलिखित दस्तावेज लगाना ना भूलें:

 

सही फॉर्म में द्वारा टैक्स रिटर्न भरना

एक स्टेटमेंट में जिसमें टैक्स की जानकारी हो

सारे भरे टैक्स का दावा करने वाले सुबूत – जैसे टैक्स माफ़ी का सुबूत, असेसमेंट वर्ष का टैक्स फाइल करने के लिए भुगतान.

धारा 44AB के अंतर्गत जो ऑडिट हुई है उसकी रिपोर्ट, जहाँ रिटर्न भरने से पहले, रिपोर्ट बन जाती है

अगर टैक्स देने वाला लेनदेन का हिसाब रखता है तो उसकी कॉपी.

लाभ और नुकसान खाता, निर्माण संबंधित खाता, ट्रेडिंग खाता, बैलेंस शीट, कमाई और खर्च खाता

पार्टनरशिप फर्मों के मामले में पार्टनर के व्यक्तिगत खाते

AOP/ BOI के लिए, सदस्यों के व्यक्तिगत खाते

कंपनी के मालिक के लिए, व्यक्तिगत खाता

अगर कर देने वाले का खाता ऑडिट होता है, तब ऑडिट रिपोर्ट की कॉपी, बैलेंस शीट और ऑडिटेड होने के बाद निकला लाभ और नुकसान

कॉस्ट ऑडिट के मामले में, प्रासंगिक रिपोर्ट

अगर टैक्स देने वाले के पास अकाउंट बुक नहीं है तो, तब स्टेटमेंट जिसमें रसीदों का रिकॉर्ड, टर्नओवर राशि, खर्च और शुद्ध लाभ, बैंक बैलेंस, स्टॉक, नकद, देनदार और लेनदारों से संबंधित जानकारी हो.

धारा 139 के लिए तय तारीख

आयकर अधिनियम 1961, की धारा 139 में अलग-अलग उप-धाराएं हैं जो कई तरह के रिटर्न से संबंधित हैं। जैसे, व्यक्ति, संगठन और संस्थाएं का टैक्स रिटर्न, देर से भुगतान और टैक्स रिटर्न गलतियाँ आदि। इसलिए, कुछ तय तारिख इस धारा के लिए निर्धारित की जिनमें व्यक्तियों और संगठनों को टैक्स रिटर्न फाइल कर देना चाहिए। ये तारिख निम्नलिखित हैं:

 

31 जुलाई – उन सारे लोगों के लिए जिन्हें अपनी अकाउंट बुक की ऑडिट करवाने की ज़रुरत नहीं होती है उन्हें 31 जुलाई तक असेसमेंट वर्ष के लिए इनकम टैक्स रिटर्न भर देना चाहिए। इसमें निम्नलिखित व्यक्ति और संगठन शामिल हैं:

एक व्यक्ति या कर्मचारी जिसकी तनख्वाह आती है

एक व्यक्ति जो व्यवसाय करता है या पेशेवर है

एक फ्रीलांसर या एक सलाहकार

30 सितम्बर – सारे लोग या संगठन जिनकी अकाउंट बुक की ऑडिट होती है उन्हें हर असेसमेंट वर्ष के 30 सितम्बर तक इनकम टैक्स रिटर्न भरना होता है।

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