सरकार को आगामी बजट में नई रियायती कर व्यवस्था के तहत मानक कटौती को दोगुना करके एक लाख रुपये करना चाहिए या मूल कर छूट की सीमा को बढ़ाकर 3.5 लाख रुपये करना चाहिए. कर और सलाहकार कंपनी EY ने यह राय जताई है. आगामी बजट में कराधान सुधारों की प्राथमिकताओं का उल्लेख करते हुए EY ने कहा है कि सरकार को कर ढांचे को सुव्यवस्थित करने, आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए नीतिगत ढांचे को बेहतर बनाने और निवेश तथा वृद्धि के लिए अनुकूल वातावरण को बढ़ावा देने को प्राथमिकता देनी चाहिए
EY ने सुझाव दिया कि कॉरपोरेट कर की दरों में स्थिरता रखी जाए, टीडीएस प्रावधान को युक्तिसंगत बनाया जाए, तथा विवाद समाधान को सुव्यवस्थित किया जाए. कंपनी ने कहा कि व्यक्तिगत कर के मोर्चे पर छूट/कटौती के बिना रियायती कर व्यवस्था जारी रहनी चाहिए.
स्टैंडर्ड डिडक्शन को दोगुना करेगी सरकार?