इनकम टैक्स में फेसलेस इनकम टैक्स असेसमेंट मैकेनिज्म की योजना

कर्मचारियों

फेसलेस असेसमेंट का अर्थ है करदाताओं के रिटर्न का इस तरह से मूल्यांकन या असेसमेंट करना, जहां उन्हें आयकर विभाग में नहीं जाना पड़े। मतलब कि करदाताओं का सामना प्रत्यक्ष रूप से किसी किसी आयकर अधिकारी या इंस्पेक्टर से नहीं हो। उन्हें आयकर विभाग के लोगों के आमने-सामने/प्रत्यक्ष संपर्क में नहीं आना पड़े। इस तरह का आरोप लगता रहा है कि करदाताओं का आयकर विभाग के कर्मचारियों या अधिकारियों से सामना होने पर उनसे अनुचित मांग की जाती है।What is Income Tax? - What is News | The Financial Express

फेसलेस इनकम टैक्स असेसमेंट मैकेनिज्म की यह योजना 1 अप्रैल, 2021 को शुरू की गई थी। इसका मकसद टैक्स से जुड़े विवादों और असेसमेंट में मानवीय संपर्क को कम किया जा सके। इसके तहत इनकम टैक्स डिपॉर्टमेंट रिटर्न प्रोसेस करता है, रिफंड जारी करता है, टैक्स असेसमेंट, स्क्रूटनी करता है और अपील को मैनेज करता है। असेसिंग ऑफिसर को भौगोलिक क्षेत्राधिकार का पालन किए बिना केस रैंडमली सौंपे जाते हैं।विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से असेसमेंट सिस्टम स्थापित हो गया है। लेकिन पर्सनल और बिजनेस दोनों टैक्सपेयर्स की ओर से कुछ व्यक्तिगत संपर्क की अनुमति देने की मांग बढ़ रही है। आयकर विभाग के क्षेत्रीय गठन भी अधिक हाइब्रिड फॉर्म पर जोर दे रहे हैं। एक्सपर्ट का कहना है कि असेसमेंट एक जटिल प्रक्रिया है। हाइब्रिड फॉर्म से टैक्सपेयर्स और अधिकारी के बीच संवाद अधिक प्रभावी हो सकता है।

टैक्सपेयर्स ने विडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर किसी बिजनेस के कामकाज को असेसमेंट अफसरों को समझाने में कठिनाइयों की भी शिकायत की है। EY में टैक्स और रेगुलेटरी सर्विसेज के पार्टनर सुधीर कपाड़िया का कहना है कि खासकर बड़े और जटिल मामलों में जिनमें विस्तार से स्पष्टीकरण और बड़ी फाइलों को ऑनलाइन अपलोड करने की आवश्यकता होती है, ऐसा देखा गया है कि कई बार टैक्सपेयर्स को अपने तथ्य और तर्क तैयार करने और अपलोड करने के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया जाता है। इसके अलावा नोटिस का जवाब देने के लिए पर्याप्त समय न देना भी शामिल है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *