इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नीट मामले से जुड़े एक केस पर सुनवाई की. सुनवाई के दौरान एनटीए से कहा कि नीट अभ्यर्थी ने जाली दस्तावेज पेश किए हैं और अब एनटीए इस मामले में कानूनी कार्रवाई कर सकता है. नीट छात्र ने अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि एनटीए उसका रिजल्ट घोषित करने में विफल रहा और उसे मेल आया है कि उसकी ओएमआर उत्तर पुस्तिका फटी हुई पाई गई. हाई कोर्ट ने एजेंसी से यह तब कहा जब लखनऊ पीठ के निर्देश पर नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने छात्रा की मूल ओएमआर आंसर शीट पेश की, जो सही पाई गई.
छात्र आयुषी पटेल ने अपनी याचिका में दावा किया कि एनटीए ने उसे एक मैसेज भेजा, जिसमें कहा गया कि उसका रिजल्ट घोषित नहीं किया जाएगा, क्योंकि उसकी ओएमआर शीट फटी हुई पाई गई थी. उसने सोशल मीडिया पर आरोपों को दोहराते हुए एक वीडियो भी पोस्ट किया था, जिसने नीट यूजी के आयोजन में अनियमितताओं के दावों को लेकर चल रहे विवाद के बीच हलचल मचा दी
डाक्यूमेंट देखने के बाद कोर्ट ने पाया कि छात्र ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर याचिका दायर की है. कोर्ट ने इसे खेदजनक बताते हुए एजेंसी से कहा कि एनटीए इस मामले में कानूनी कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है. वहीं याचिकाकर्ता के एडवोकेट ने याचिका वापस लेने की अनुमति मांगी, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया. एनटीए ने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता छात्र के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का फैसला एजेंसी ने पहले ही ले लिया है. कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता ने जाली डाक्यूमेंट पेश किए हैं, ऐसे में यह कोर्ट एनटीए को छात्र के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने से नहीं रोक सकता.