यूपी में पेपर लीक को लेकर योगी सरकार ने बड़ा फैसला किया है। कैबिनेट ने मंगलवार (25 जून) को पेपर लीक अध्यादेश को मंजूरी दे दी। इसमें एक करोड़ रुपए तक का जुर्माना और उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है। इसके अलावा, महिला, बच्चों और गैंगस्टर से जुड़े मामलों में अग्रिम जमानत की प्रक्रिया कठिन करने पर भी कैबिनेट ने मुहर लगाई है। अब इसे मंजूरी के लिए राज्यपाल के पास भेजा जाएगा। राज्यपाल के अनुमोदन के बाद अध्यादेश लागू हो जाएगा। सीएम योगी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में 43 प्रस्तावों पर मुहर लगी।
कैसा है यूपी का नया पेपर लीक अध्यादेश
सार्वजनिक परीक्षाओं में अनुचित साधनों, पेपरलीक को रोकने, साल्वर गिरोह पर प्रतिबंध लगाने के लिए उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अध्यादेश- 2024 को कैबिनेट ने मंजूरी दी है। यह अध्यादेश सभी सार्वजनिक सेवा भर्ती परीक्षा, नियमितीकरण या पदोन्नति परीक्षा, डिग्री डिप्लोमा, प्रमाण-पत्रों या शैक्षणिक प्रमाण-पत्रों की प्रवेश परीक्षा पर भी लागू होगा।
फर्जी प्रश्नपत्र बांटना, फर्जी सेवायोजन वेबसाइट चलाने पर भी सजा होगी। अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करने पर 2 साल से लेकर आजीवन कारावास की सजा और एक करोड़ तक के जुर्माने पर प्रावधान किया गया है।
इसके अलावा, अगर परीक्षा प्रभावित होती है, तो उस पर हुए खर्च को भी सॉल्वर गिरोह, परीक्षा में गड़बड़ी करने संस्था/व्यक्ति से वसूला जाएगा। ऐसी संस्थाओं को ब्लैक लिस्ट किया जाएगा।
अध्यादेश में संपत्ति की कुर्की का भी प्रावधान है। इस अधिनियम के तहत आने वाले सभी अपराध संज्ञेय, गैर जमानतीय और सत्र न्यायालय द्वारा विचारणीय बनाए गए हैं। जमानत के संबंध में भी कठोर प्राविधान किए हैं।
(यूपी सरकार ने स्पष्ट किया है कि विधानसभा सत्र न होने के कारण विधेयक स्थान पर अध्यादेश का प्रस्ताव किया गया है।)