यूजी कोर्सेस में एडमिशन लेने के लिए कई सारे बदलाव किए हैं. शिक्षा व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए साथ ही शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए कई नए नियम बनाए गए हैं. इस नियमों में एक डुअल कोर्स को को भी अप्रूवल मिल गया है. लेकिन ये कंफ्यूजन अक्सर स्टूडेंट्स को होती है कि ये डुअल डिग्री कैसे मिलेगी. इसे लेकर क्या नियम बनाए गए है. इसे आसानी से समझने की कोशिश करते हैं.
कैसे करें एक साथ दो डिग्री कोर्स
करियर काउंसलर ने बताया कि यूजीसी ने एक साथ दो दो कोर्स एडमिशन के लिए परमिशन दे दिया है. दोनों कोर्स में एडमिशन के बाद एक कोर्स ऐसा होगा जिसमें रेगुलर रहना होगा. वहीं दूसरा कोर्स ऑनलाइन होगा या डिस्टेंस हो सकता है. लेकिन दोनों कोर्स ऑफलाइन नहीं हो सकता है. तो दो कोर्स में एडमिशन में एक कोर्स रेगुलर और ऑफलाइन और दूसरा कोर्स डिस्टेंस या ऑनलाइन होना चाहिए. ये दोनों कोर्सेस यूजी, पीजी और डिप्लोमा के हो सकते हैं. छात्रों को एडमिशन लेते समय इस बात का ध्यान रखना होगा कि दोनों कोर्स एक दूसरे से अलग
पहले इसे डुअल कोर्स के नाम से जाता था लेकिन अब इसे टू डिग्री टर्म के नाम से जाना जाता है. अब समान सत्र में की जाने वाले दो डिग्रियों का लाभ आपको करियर में देखने को मिलेगा. समय की बजत करते हुए आपके पास दो दो कोर्स के सर्टिफिकेट होंगे. एक्सपर्ट का मानना है कि इससे काफी फायदा होगा. पहले ज्योतिष शास्त्र संस्कृत का कोर्स हुआ करता था लेकिन अब इसे अलग से एक सेपरेट कोर्स बना दिया गया है. आज ज्योतिष से संबंधित कई कोर्स देश में उपलब्ध है. यूजीसी ने हाल ही में पीजी कोर्स को लेकर भी लेकर भी नए नियम लागू किए हैं.