उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में फर्जी दस्तावेजों के सहारे शिक्षा विभाग में टीचर की नौकरी हथियाने वाले युवक को नौकरी से बर्खास्त कर दिया था। साथ ही विभाग ने आरोपी शिक्षक पर धोखा धड़ी समेत अन्य सुसंगत धाराओं में मुकदमा भी दर्ज कराया था। पुलिस ने फरार चल रहे आरोपी टीचर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। मामले में विभाग की ओर से नौकरी के दौरान सरकारी धन अर्जित करने वाले शिक्षक को 60 लाख रुपये रिकवरी का नोटिस जारी किया है। इस कार्रवाई से जिले में हड़कंप मचा हुआ है।

जानकारी के अनुसार, ललौली थाना क्षेत्र के बहुआ कस्बे के राजनगर मोहल्ला निवासी राम लखन तिवारी का बेटा साकेत तिवारी 15 सितंबर 2010 से असोथर ब्लॉक के दतौली प्राइमरी स्कूल में सहायक अध्यापक के पद पर तैनात था। साकेत तिवारी की क्वालिफिकेशन पर शक के आधार पर शिकायत की गई थी। इस पर तत्कालीन बीएसए संजय कुशवाहा ने मामले की जांच असोथर शिक्षा क्षेत्र की एबीएसए दीप्ति रिचारिया को सौंपी।जांच के दौरान शिक्षक साकेत के नौकरी के लिए लगाए गए शैक्षणिक दस्तावेज फर्जी निकले। इस पर तत्कालीन बीएसए ने 1 फरवरी 2023 को फर्जी तरीके से नौकरी करने वाले टीचर की सेवा समाप्त कर दी थी।
पुलिस ने आरोपी शिक्षक को भेजा जेल
विभाग की ओर से उक्त मामले की जांच अधिकारी एबीएसए ने ललौली थाने में आरोपी टीचर के खिलाफ धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में मुकदमा भी दर्ज कराया था। इसके बाद से शिक्षक फरार चल रहा था। मंगलवार की दोपहर मुखबिर की सूचना पर ललौली पुलिस ने आरोपी शिक्षक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
बीएसए पंकज यादव ने बताया कि फर्जी शैक्षणिक दस्तावेज लगाकर युवक ने शिक्षक की नौकरी हासिल की थी। शिकायत के आधार पर तत्कालीन बीएसए ने जांच के आदेश दिए थे। इस दौरान दस्तावेज फर्जी मिलने पर शिक्षक को बर्खास्त करने के बाद उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। साथ ही 13 साल तक फर्जी तरीके से नौकरी कर 60 लाख रुपये सरकारी धन अर्जित करने वाले आरोपी शिक्षक के खिलाफ विभाग ने रिकवरी का आदेश भी जारी किया गया है।