गरीबों को न्याय दिलाने के लिए मिलेगा मुफ्त में वकील

विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम के अंतर्गत हर ज़रूरतमंद व्यक्ति को निशुल्क न्याय उपलब्ध करवाया जाता है। सिविल और क्रिमिनल दोनों ही मामलों में किसी पात्र व्यक्ति को बिल्कुल निशुल्क वकील उपलब्ध करवाए जाने के प्रावधान हैं। ऐसे नियुक्त किए गए वकील की फीस का भुगतान सरकार द्वारा किया जाता है। सरकार अपनी पेनल में ऐसे वक़ीलों की नियुक्ति करती है जो विधिक सेवा प्राधिकरण के लिए काम करते हैं।

निशुल्क विधिक सेवा के पात्र व्यक्ति

फ्री लीगल एड के पात्र लोगों में गरीब और शोषित वर्गों को मिलाते हुए दो वर्ग बनाए गए हैं। पहले वर्ग में महिलाएं, अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति और बच्चों को रखा गया है। दूसरे वर्ग में उन लोगों को रखा गया है जिनके पास उचित आय के साधन नहीं होने के कारण गरीब हैं एवं उन लोगों को भी दूसरे वर्ग में रखा गया है जो गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करते हैं मतलब जिन लोगों के पास बीपीएल राशन कार्ड है।

इन दोनों ही वर्गों के लोगों को मुफ्त वक़ील दिए जाते हैं जो उनकी तरफ से अदालत में पक्ष रखते हैं और वह सभी काम करते हैं जो काम एक फीस देकर नियुक्त किया गया वक़ील करता है। इन वर्ग के लोगों को किसी भी मामले में मुफ्त वक़ील दिया जा सकता है अब भले वह मामला कोई सिविल केस हो या फिर कोई आपराधिक केस हो। भले ही ऐसा व्यक्ति वादी हो या प्रतिवादी इन वर्गों का होने से उसे मुफ्त वक़ील सरकार की ओर से दिया जाता है।

निशुल्क विधिक सेवा के लिए आवेदन उस अदालत परिसर में बने फ्री लीगल एड के दफ्तर में किया जाता है। ऐसे आवेदन में वह सब चीज़ें बतानी होती हैं जो किसी केस से संबंधित है। जैसे प्रकरण क्या है और उस प्रकरण में आवेदक की हैसियत क्या है और आवेदक किस नाते निशुल्क विधिक सेवा का हकदार है।

जिला विधिक सेवा में किए गए ऐसे आवेदन पर प्राधिकरण द्वारा जांच की जाती है एवं आवेदक यदि उन दोनों ही वर्गों में से किसी वर्ग में आता है तो उसके केस के लिए निशुल्क वकील नियुक्त कर दिया जाता है

 

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *