पटना हाईकोर्ट ने 20.06.2024 को बिहार आरक्षण (अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए) (संशोधन) अधिनियम, 2023 और बिहार (शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश में) आरक्षण (संशोधन) अधिनियम, 2023 खारिज किया। चीफ जस्टिस के. विनोद चंद्रन और जस्टिस हरीश कुमार की खंडपीठ जनहित याचिका (पीआईएल) पर विचार कर रही थी, जिसमें पिछड़े वर्गों, अत्यंत पिछड़े वर्गों, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षण को मौजूदा 50% से बढ़ाकर 65% करने के लिए बिहार विधानमंडल द्वारा पारित संशोधन को चुनौती दी गई। हाईकोर्ट ने संशोधनों को भारतीय संविधान के तहत समानता के अधिकार का उल्लंघन करने वाला और अधिकारहीन बताते हुए खारिज कर दिया। मामले में अंतिम आदेश का इंतजार
Related Posts
माध्यमिक शिक्षा परिषद परीक्षा केंद्र संसाधनों का विवरण पांच दिसंबर तक अपलोड करना होगा
गोरखपुर। माध्यमिक शिक्षा परिषद ने वर्ष 2020-21 की हाईस्कूल व इंटरमीडिए बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी शुरू कर दी है। इसके…