बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में कक्षा में तीन नाबालिग लड़कियों का यौन उत्पीड़न करने के लिए प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक रमेश रतन जाधव की दोषसिद्धि बरकरार रखी। जस्टिस किशोर सी संत ने कहा, “पीड़ित लड़कियों के साक्ष्य विश्वसनीय पाए गए हैं। आरोपी की मौजूदगी से इनकार नहीं किया गया। हालांकि बचाव पक्ष ने झूठे आरोप लगाने के लिए दुश्मनी को मकसद के रूप में लिया है लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि धारा 313 के तहत क्रॉस एग्जामिनेशन और बयान से ऐसा नहीं लिया गया।अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया कि जाधव ने एक प्राथमिक विद्यालय में पढ़ाते समय दूसरी कक्षा की तीन लड़कियों का यौन उत्पीड़न किया। ये घटनाएं कक्षा में हुईं, जहां जाधव ने कथित तौर पर लड़कियों को टेबल और फर्श पर लिटाने के बाद उनकी योनि और छाती को छुआ। 24 दिसंबर 2021 को रत्नागिरी ग्रामीण पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई, जिसके बाद जाधव की गिरफ्तारी आरोप पत्र और मुकदमा चला। मकदमे के दौरान पीड़ित लड़कियों में से एक की मां (शिकायतकर्ता) ने अपनी बेटी और दो अन्य पीड़ित लड़कियों द्वारा बताई गई घटनाओं के बारे में गवाही दी। उसने गवाही दी कि 24 दिसंबर 2021 को उसकी बेटी ने उसे बताया कि उसके शिक्षक ने उसे अनुचित तरीके से छुआ लेकिन उसने शुरू में इसे यह सोचकर अनदेखा किया कि यह दुर्व्यवहार के लिए चेतावनी है। अगले दिन उसकी बेटी ने स्कूल जाने से इनकार कर दिया और खुलासा किया कि शिक्षक ने उसकी फ्रॉक उठाई और उसे अनुचित तरीके से छुआ ऐसी हरकत उसने दो अन्य पीड़ित लड़कियों के साथ भी की शिकायतकर्ता ने गवाही दी।
तीन पीड़ित लड़कियों ने हमलों के बारे में जानकारी दी और उसी स्कूल के दो पुरुष स्टूडेंट्स ने गवाही दी कि जाधव ने लड़कियों को अंदर बुलाते हुए उन्हें कक्षा से बाहर भेज दिया। जाधव को 14 फरवरी, 2023 को रत्नागिरी के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने दोषी पाया। उन्हें आईपीसी की धारा 354 और 354-ए तथा यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम (POCSO Act) की धारा 7 सहपठित धारा 8, धारा 9(c)(m)(o) सहपठित धारा 10, तथा धारा 11 सहपठित धारा 12 के तहत दोषी ठहराया गया।
उसे कुल 5 वर्ष के साधारण कारावास तथा कुल 9000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई। जुर्माने की राशि पीड़ितों को मुआवजे के रूप में दिए जाने का निर्देश दिया गया।