सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट को निर्देश दिया कि वो इस्तीफा देने वाली महिला अतिरिक्त जिला न्यायाधीश को बहाल करे जिसने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के तत्कालीन न्यायाधीश के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे।
सुप्रीम कोर्ट ने माना कि मामले की परिस्थितियों में उनके इस्तीफे को “स्वैच्छिक” नहीं माना जा सकता और इसलिए उनके इस्तीफे को स्वीकार करने के हाईकोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया।
अतिरिक्त जिला न्यायाधीश के रूप में महिला जज को बहाल करने का आदेश देते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह पिछले वेतन की हकदार नहीं होगी, लेकिन सभी परिणामी लाभों के साथ सेवा में निरंतरता की हकदार होगी।