आज भी प्रासंगिक हैं बुद्ध छठी शताब्दी ई.पू. भारत के लिए धाÌमक और आध्यात्मिक क्रान्ति का काल था। धाÌमक अंधविश्वास‚ बाह्याडंबर‚ महंगे कर्मकांड‚ कठोर जाति–व्यवस्था‚ जटिल…
राज्य सरकार के अधीन विभिन्न विभागों में आउटसोर्सिंग के माध्यम से की गयी भर्तियों में अन्य पिछड़े वर्गों के प्रतिनिधित्व के सम्बन्ध में