सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक स्कूलों में शिक्षकों के बड़ी संख्या में खाली पद होने पर नाराजगी जताई है। खाली पदों पर भर्ती करने में हो रही देर पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को इन पदों को जल्द भरने के आदेश दिए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने चयन आयोग को समय पर भर्ती न कर पाने पर फटकार लगाई है। कोर्ट ने इन स्कूलों में वर्षों से पढ़ा रहे तदर्थ शिक्षकों को भर्ती में वेटेज देने और चयनित होने पर पुरानी सर्विसेज को जोड़ने के भी निर्देश दिए हैं, ताकि इन शिक्षकों को आगे पेंशन इत्यादि मिलने में दिक्कत न हो। जो तदर्थ शिक्षक चयनित नहीं हो पाएंगे, वह बाहर कर दिए जाएंगे। जुलाई 2021 तक शिक्षकों के सभी खाली पद भरे जाने और तदर्थ शिक्षकों की व्यवस्था पूरी तरह खत्म करने के भी आदेश दिए गए हैं।
उत्तर प्रदेश के माध्यमिक स्कूलों में समय पर भर्ती न हो पाने को लेकर संजय सिंह व अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश संजय किशन कौल और केएम जोजफ की खंडपीठ ने संविधान के अनुच्छेद 142 में दी गई असाधारण शक्तियों का प्रयोग करते हुए यह फैसला सुनाया है। उन्होंने शिक्षकों के खाली पदों पर शीघ्र परीक्षा आयोजित कर उन्हें भरने को कहा है। वहीं तदर्थ शिक्षकों की पुरानी सर्विस का सत्यापन कराने का जिम्मा राज्य सरकार का होगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि विद्यार्थियों के हितों को देखते हुए शिक्षकों की पर्याप्त संख्या होना जरूरी है, इसलिए जुलाई 2021 से पहले हर हाल में खाली पदों पर भर्ती कर ली जाए। अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला ने बताया कि फैसले का अध्ययन कर उसका क्रियान्वयन किया जाएगा।