द २५ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सर्वेक्षण में तथ्य आए सामने‚ उप्र और केरल में देखी गई सबसे ज्यादा वृद्धि॥ द ७६‚७०६ घरों और पांच से १६ साल के ७५‚२३४ बच्चों के बीच किया गया सर्वेक्षण॥ नई दिल्ली (भाषा)। पिछले तीन साल में छात्रों का झुकाव निजी स्कूलों से सरकारी स्कूलों की ओर बढ़øा है तथा उत्तर प्रदेश और केरल के सरकारी स्कूलों में होने वाले दाखिलों में सबसे अधिक वृद्धि देखी गयी है। वार्षिक शिक्षा स्थिति रिपोर्ट (एएसईआर) २०२१ में यह जानकारी सामने आई। यह रिपोर्ट २५ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में किये गए सर्वेक्षण पर आधारित है। ॥ कुल ७६‚७०६ घरों और पांच से १६ साल के ७५‚२३४ बच्चों के बीच यह सर्वेक्षण किया गया। बुधवार को जारी की गई एएसईआर की १६वीं रिपोर्ट में कहा गया‚ ‘अखिल भारतीय स्तर पर‚ निजी स्कूलों से सरकारी स्कूलों की ओर स्पष्ट रूप से झुकाव देखा गया है। छह से १४ वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों के लिए निजी स्कूलों में दाखिले की संख्या २०१८ में ३२.५ प्रतिशत थी जो २०२१ में घटकर २४.४ प्रतिशत रह गई।’॥ रिपोर्ट में कहा गया‚ ‘यह सभी कक्षाओं और लड़़कों तथा लड़़कियों के बीच देखा गया। हालांकि निजी स्कूलों में लड़़कों का दाखिला कराने की संभावना लड़़कियों की तुलना में अब भी अधिक है।’ सरकारी स्कूलों में २०१८ में औसतन ६४.३ प्रतिशत दाखिला हुआ जो पिछले साल बढ़øकर ६५.८ प्रतिशत हो गया और इस साल यह ७०.३ प्रतिशत पर पहुंच गया। वर्ष २००६ से २०१४ तक निजी स्कूलों में दाखिले की संख्या में लगातार बढ़øोतरी देखी गई। ॥ रिपोर्ट के अनुसार‚ कुछ सालों तक ३० प्रतिशत पर टिके रहने के बाद‚ महामारी के सालों में इसमें उल्लेखनीय गिरावट देखी गई। कोविड़ के पहले भी सरकारी स्कूलों में लड़़कियों की संख्या लड़़कों से ज्यादा थी। रिपोर्ट में कहा गया कि यह समय के साथ जारी है। ॥
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