शिक्षण संस्थानों को फिर से खोलने से ज्यादा सरकार की पहली प्राथमिकता छात्रों की सुरक्षा है।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कोरोना के कारण बंद पड़े शिक्षण संस्थानों को फिर से खोले जाने को लेकर लग रही अटकलों पर विराम लगाते हुए कहा कि छात्रों की सुरक्षा के प्रति आश्वस्त होने के बाद ही सरकार स्कूलों को खोलने का निर्णय लेगी।

पहली प्राथमिकता छात्रों की सुरक्षा

निशंक ने एक टीवी चैनल को दिये साक्षात्कार में मार्च से बंद शिक्षण संस्थानों को फिर से खोले जाने के संबंध में छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों में बनी अनिश्चितता के संबंध में कहा कि सरकार की पहली प्राथमिकता छात्रों की सुरक्षा है उसके बाद शिक्षा दूसरा महत्वपूर्ण बिंदु है।

विचार-विमर्श

उन्होंने कहा कि हम गृह मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ लगातार विचार-विमर्श कर रहे हैं। जैसे-जैसे ये स्थिति सामान्य होगी और दोनों मंत्रालयों से जैसे सुझाव मिलेंगे उसी के आधार पर हम आगे की रणनीति तय करेंगे। स्कूलों और कॉलेजों को अगस्त के बाद फिर से खोला जाएगा।

16 मार्च से स्कूल और कॉलेज बंद

कोरोना और देशव्यापी लॉकडाउन के कारण 16 मार्च से स्कूल और कॉलेज बंद हैं। देश में एक सितम्बर से अनलॉक-4 शुरू होने वाला है। ऐसे में हर किसी के मन में यही सवाल है कि इस चरण में स्कूलों और कॉलेजों को खोलने की अनुमति मिलेगी अथवा नहीं। इसकी एक वजह ये भी है कि निशंक ने जून के प्रथम सप्ताह में एक साक्षात्कार में कहा था कि स्कूलों और कॉलेजों को अगस्त के बाद फिर से खोला जाएगा।

निशंक ने कहा कि शिक्षण संस्थानों को खोले जाने के संबंध में छात्रों की सुरक्षा के लिए एनसीईआरटी और यूजीसी के दिशा निर्देशों का पालन किया जाएगा।

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