शिक्षा में कार्यरत व्यावसायिक शिक्षकों : भारत में व्यावसायिक शिक्षा का इतिहास बहुत पुराना है। देश में व्यावसायिक शिक्षा के विकास के लिए कई प्रयास किए गए हैं। वर्ष 1989 में, भारत सरकार ने व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया। उसने राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा परिषद (एनसीवीईटी) की स्थापना की। एनसीवीईटी ने व्यावसायिक शिक्षा के क्षेत्र में कई सुधार किए। उसने व्यावसायिक शिक्षा के मानकों को निर्धारित किया और व्यावसायिक शिक्षा के कार्यक्रमों को विकसित किया।
एनसीवीईटी के गठन के बाद, व्यावसायिक शिक्षा में तेजी से विकास हुआ। कई नए व्यावसायिक संस्थान स्थापित किए गए। इन संस्थानों में व्यावसायिक शिक्षकों की आवश्यकता बढ़ी। सरकार ने इन शिक्षकों की आवश्यकता को पूरा करने के लिए मानदेय पर शिक्षकों की नियुक्ति शुरू की।
वर्तमान में, देश में कई व्यावसायिक संस्थान हैं, जिनमें मानदेय पर कार्यरत व्यावसायिक शिक्षक हैं। इन शिक्षकों ने कई वर्षों से व्यावसायिक शिक्षा के क्षेत्र में योगदान दिया है। वे व्यावसायिक शिक्षा के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
हालांकि, मानदेय पर कार्यरत व्यावसायिक शिक्षकों की समस्याएं भी हैं। इन शिक्षकों को समय पर वेतन नहीं मिलता है। उन्हें कई बार मानदेय के लिए संघर्ष करना पड़ता है। इन शिक्षकों के सामाजिक सुरक्षा के अधिकार भी नहीं हैं।
NPS कटौती करने हेतु लगाएंगे कर्मचारियों के नियम विरुद्ध कृत्य पर कार्रवाई करने के संबंध में
इन समस्याओं को देखते हुए, यह आवश्यक है कि वर्ष 1989 से संचालित व्या० शिक्षा में कार्यरत व्यावसायिक शिक्षकों को नियमित शिक्षकों के रूप में नियुक्त किया जाए। इन शिक्षकों को नियमित वेतन, सामाजिक सुरक्षा के अधिकार और अन्य लाभ दिए जाने चाहिए।
वर्ष 1989 से संचालित व्या० शिक्षा में कार्यरत व्यावसायिक शिक्षकों को नियमित शिक्षकों के रूप में नियुक्त करने के लाभ
वर्ष 1989 से संचालित व्या० शिक्षा में कार्यरत व्यावसायिक शिक्षकों को नियमित शिक्षकों के रूप में नियुक्त करने के कई लाभ हैं। इन लाभों में शामिल हैं:
- इन शिक्षकों को समय पर वेतन मिलेगा।
- उन्हें सामाजिक सुरक्षा के अधिकार प्राप्त होंगे।
- इन शिक्षकों का मान-सम्मान बढ़ेगा।
- इन शिक्षकों का कार्य प्रेरणा मिलेगा।
वर्ष 1989 से संचालित व्या० शिक्षा में कार्यरत व्यावसायिक शिक्षकों को नियमित शिक्षकों के रूप में नियुक्त करने के लिए सुझाव
वर्ष 1989 से संचालित व्या० शिक्षा में कार्यरत व्यावसायिक शिक्षकों को नियमित शिक्षकों के रूप में नियुक्त करने के लिए निम्नलिखित सुझाव दिए जा सकते हैं:
- सरकार को इन शिक्षकों की योग्यता और अनुभव का मूल्यांकन करना चाहिए।
- सरकार को इन शिक्षकों के लिए एक नियमित वेतनमान और अन्य लाभों की व्यवस्था करनी चाहिए।
- सरकार को इन शिक्षकों को नियमित रूप से प्रशिक्षण देना चाहिए।
इन सुझावों के आधार पर, सरकार वर्ष 1989 से संचालित व्या० शिक्षा में कार्यरत व्यावसायिक शिक्षकों को नियमित शिक्षकों के रूप में नियुक्त कर सकती है। इससे इन शिक्षकों को सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा मिलेगी और वे व्यावसायिक शिक्षा के क्षेत्र में और अधिक योगदान दे सकेंगे।

