उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दूसरी बार सत्ता संभालने के कुछ ही समय में राज्य की शिक्षा व्यवस्था और प्रणाली में ताबड़तोड़ बदलाव के लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं। इसके तहत राज्य सरकार ने सूबे की बोर्ड परीक्षाओं का पैटर्न बदलने के साथ ही उच्च शिक्षा क्षेत्र में भी बड़े बदलावों को मंजूरी दे दी है। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद यानी यूपीएमसपी की ओर से हाई स्कूल बोर्ड परीक्षा प्रणाली में भी बदलाव किए जाएंगे। नए बदलाव के तहत स्मार्ट क्लासरूम आदि तैयार किए जाएंगे। स्कूलों की समयबद्ध पंचवर्षीय रेटिंग और समीक्षा होगी।
2 of 7UP Board Exam Pattern – फोटो : Amar Ujalaबोर्ड परीक्षा पैटर्न में क्या बदला?
सरकार की घोषणा के अनुरूप 2022-23 की हाई स्कूल यानी कक्षा 10वीं बोर्ड परीक्षा अब नए पैटर्न पर होगी। परीक्षा में एक बहुविकल्पीय प्रश्न पत्र दिया जाएगा। परीक्षार्थियों को इसका उत्तर ओएमआर शीट पर देना होगा। वहीं, 2025 से इंटरमीडिएट यानी कक्षा 12वीं बोर्ड परीक्षा में यही पैटर्न लागू किए जाने की बात कही गई है। इसके अलावा विद्यार्थियों को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए कक्षा नौवीं और 11वीं में ही इंटर्नशिप कार्यक्रम लागू किए जाएंगे।
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3 of 7Sampoornanand Sanskrit University – फोटो : Sampoornanand Sanskrit Universityसंस्कृत उत्थान को ऐसे दिया जाएगा बढ़ावा
वहीं, सरकार की योजना के आधार पर संस्कृत को तकनीकी के माध्यम से रोजगार से जोड़ने के लिए 180 घंटे का सर्टिफिकेट और 360 घंटे का डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू भी किए जाएंगे। राज्य के संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी की ओर से ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किए जाएंगे। इसके तहत संस्कृत की पारंपरिक विद्या, कर्मकांड, ज्योतिष, वास्तुशास्त्र और योग आदि का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
4 of 7School Sports – फोटो : अमर उजालाइंफ्रास्ट्रक्चर में बदलाव को लेकर उठाए जाएंगे ये बड़े कदम
- आगामी पांच वर्ष में सभी ब्लॉकों में हाई स्कूल और इंटर कॉलेज की स्थापना की जाएगी।
- प्रदेश में राज्य विद्यालय मानक प्राधिकरण की स्थापना की जाएगी।
- राज्य में एक स्किल यूनिवर्सिटी की स्थापना की जाएगी।
- 100 दिन में 120 सरकारी कॉलेजों में ई-लर्निंग पार्क स्थापित किए जाएंगे।
- आईटीटाई कॉलेजों की भी रेटिंग और ग्रेडिंग की जाएगी।
- मंडल मुख्यालयों में पर खेल अकादमी और स्पोर्ट्स कॉलेज खोले जाएंगे।
- प्राधिकरण के जरिये पांच वर्ष में विद्यालयों का मूल्यांकन एवं सर्टिफिकेशन भी किया जाएगा।
- विद्यार्थियों को रोजगान्मुख शिक्षा के लिए कौशल विकास का प्रशिक्षण और प्रमाण-पत्र भी दिया जाएगा।
- सभी विद्यालयों में स्मार्ट क्लासरूम, रियल टाइम मॉनीटरिंग, स्टूडेंट ट्रैकिंग सिस्टम और एकीकृत डाटा प्रबंधन प्रणाली लागू की जाएगी।
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