: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राजकीय हाईस्कूल और इंटर कॉलेजों में कार्यरत अध्यापकों के स्थानांतरण को लेकर दाखिल याचिका पर राज्य सरकार से जानकारी मांगी है।
यह आदेश न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने राहुल मिश्र व कई अन्य की याचिकाओं पर अधिवक्ता सीमांत सिंह व अन्य को सुनकर दिया है। याचिका में कहा गया है कि कॉलेजों में नई नियुक्तियां होने के बाद भी स्थानांतरित हो चुके अध्यापकों को कार्यमुक्त करने में मनमानी की जा रही है। याचियों का स्थानांतरण 20 जून 2019 को कर दिया गया लेकिन उन्हें कार्यमुक्त नहीं किया गया। इस बीच लोक सेवा आयोग ने प्रदेश में 3317 पदों पर अध्यापकों की नियुक्ति कर दी है। इसके बावजूद याचियों को कार्यमुक्त नहीं किया जा रहा है जबकि कई अन्य कॉलेजों में इसी स्थिति के बावजूद कार्यमुक्त किया जा रहा है। अधिवक्ता सीमांत सिंह का कहना है कि राजकीय इंटर कॉलेजों के अध्यापकों की स्थानांतरण नीति में प्रावधान है कि जिन कॉलेजों में दो ही अध्यापक हैं वहां स्थानांतरण के बाद अध्यापक को तब तक कार्यमुक्त न किया जाए, जब तक उसकी जगह दूसरा अध्यापक कार्यभार ग्रहण न कर ले। याचिका में कहा गया है कि विभाग ने स्थानांतरण होने के बावजूद याचियों के कॉलेज में पद रिक्त नहीं दिखाए हैं जिससे नव नियुक्त अध्यापकों को वहां तैनाती नहीं दी जा रही है।