सीएम आदित्यनाथ ने कहा, “नई शिक्षा नीति समाज को आगे ले जाएगी और ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ और एक आत्मनिर्भर भारत की नींव साबित होगी. सार्वजनिक क्षेत्र और शैक्षणिक संस्थानों को एक साथ काम करना चाहिए, जैसे COVID19 के खिलाफ लखनऊ विश्वविद्यालय ने हैंड सेनिटाइज़र बनाए थे.”
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को लखनऊ विश्वविद्यालय में शताब्दी समारोह का उद्घाटन किया. आयोजन के दौरान उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को 2022 से अलग अलग चरणों में लागू किया जाना शुरू किया जाएगा. उन्होंने कहा कि यह नीति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदृष्टि है. समारोह में अपने भाषण में उन्होंने कहा, ” नई शिक्षा नीति प्रधानमंत्री की दूरदृष्टि है और इसे 2022 तक लागू किया जाना है. इसमें ज्ञान के सैद्धांतिक और व्यावहारिक दोनो पहलू शामिल हैं जो छात्रों के लिए आवश्यक हैं. यदि लखनऊ विश्वविद्यालय नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के साथ आगे बढ़ता है, तो यह एक नया कीर्तिमान स्थापित करेगा.”
उन्होंने आगे कहा, “नई शिक्षा नीति समाज को आगे ले जाएगी और ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ और एक आत्मनिर्भर भारत की नींव साबित होगी. सार्वजनिक क्षेत्र और शैक्षणिक संस्थानों को एक साथ काम करना चाहिए, जैसे COVID19 के खिलाफ लखनऊ विश्वविद्यालय ने हैंड सेनिटाइज़र बनाए थे.” एक अन्य भाजपा नेता ने कहा, “सभी शैक्षणिक संस्थानों को आवश्यकता पड़ने पर समाज के लिए ऐसे उपयोगी कार्य करने चाहिए। हमारी सरकार ने तत्कालीन राज्यपाल राम नाईक के सुझाव पर ‘उत्तर प्रदेश दिवस’ मनाने का निर्णय लिया और इस दिन ‘एक जिला एक उत्पाद’ योजना यह भी लॉन्च किया गया था.”
उन्होंने कहा, “उत्तर प्रदेश में आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करने की क्षमता है, जिससे देश में 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनेगी. इसके लिए, शैक्षिक संस्थानों को जनता के साथ जुड़ना होगा और स्थानीय मुद्दों के समाधान के लिए मुखर होना होगा. ‘एक जिला, एक उत्पाद’ योजना के साथ एक लिंक बनाने के अलावा, हमें युवाओं को नीतियों के बारे में जागरूक करना होगा.” मौके पर लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति आलोक कुमार राय ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह का उद्घाटन उच्च शिक्षा और उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए उनकी प्रतिबद्धता का संकेत है.