लखनऊ (एसएनबी)। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा कोरोना महामारी के कारण निरस्त की गयी हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम के लिये जारी फार्मूले को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी मंजूरी दे दी है जिसके बाद परीक्षा परिणाम जल्द जारी किया जायेगा। वर्ष २०२१ की परीक्षा में उत्तीर्ण हुये परीक्षार्थियों की मेरिट सूची नहीं तैयार करायी जायेगी। वर्ष २०२१ के पंजीकृत परीक्षार्थी‚ जो अंक सुधार हेतु पुन& परीक्षा में सम्मिलित होना चाहते हैं‚ उन्हें आगामी बोर्ड परीक्षा में शुल्क दिये बिना‚ अंक सुधार हेतु एक या एक से अधिक‚ कितने भी विषयों में परीक्षा में बैठने का अवसर दिया जायेगा तथा उनका परीक्षाफल वर्ष २०२१ का ही माना जायेगा॥। उप मुख्यमंत्री डा‚ दिनेश शर्मा ने बताया कि शिक्षा क्षेत्र से जुडेÃ जनप्रतिनिधियों‚ शिक्षाविदों‚ प्रधानाचार्य परिषद‚माध्यमिक शिक्षक संघों‚अभिभावक संघों तथा सभी हित धारकों द्वारा ली गयी राय के आधार पर परीक्षाफल का फार्मूला जारी किया गया है जिसके अनुसार इण्टरमीडिएट परीक्षाफल के लिये हाईस्कूल के ५० फीसदी‚ कक्षा ११ के वार्षिक/अर्द्धवार्षिक परीक्षा के ४० फीसदी और कक्षा १२ के प्री–बोर्ड १० प्रतिशत अंकों को जोड़ा जायेगा। यदि परीक्षार्थी ने कक्षा–१० की वार्षिक लिखित परीक्षा में ६०० में से ३०० अंक प्राप्त किये हैं तब उसका औसत अंक ३००/६ यानी ५० अंक होगा। इसमें से ५० प्रतिशत देयता के अनुसार उसे २५ अंक देय होगा। कक्षा–११ में किसी विषय विशेष में यदि उसे १०० अंक में से ६० अंक मिले हैं तब उसका ४० प्रतिशत २४ अंक होगा। इसी प्रकार प्रीबोर्ड परीक्षा से कक्षा–१२ में उस विषय में उसे ५० अंक मिले हैं तब उसका १० प्रतिशत ५ अंक होगा। इस प्रकार उसके कुल अंक ५४ होंगे॥। हाईस्कूल परीक्षाफल के लिये कक्षा ९ के ५० प्रतिशत‚ कक्षा १० प्री–बोर्ड के ५० फीसदी अंक निर्धारित किये गये हैं। हाईस्कूल परीक्षा में ७० अंकों की लिखित परीक्षा तथा ३० अंकों की आन्तरिक मूल्यांकन परीक्षा कुल १०० अंकों की परीक्षा सम्पादित होती है। २०२१ की आन्तरिक मूल्यांकन परीक्षा के अंक बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड है। इसके साथ ही कक्षा–९ की वार्षिक परीक्षा के अन्तर्गत सम्पादित ७० अंकों की लिखित परीक्षा तथा कक्षा–१० की ७० अंक की लिखित प्री–बोर्ड परीक्षा के अंक बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड है जिनके आधार पर वर्ष २०२१ की हाईस्कूल परीक्षा के परीक्षार्थियों के अंकों का निर्धारण का फार्मूला इस प्रकार है। कक्षा–९ की ७० अंकों की वार्षिक विषयवार लिखित परीक्षा का ५० प्रतिशत अंक । कक्षा–१० की ७० अंकों की प्री–बोर्ड विषयवार लिखित परीक्षा का ५० प्रतिशत अंक और २०२१ में विद्यालय स्तर पर सम्पादित ३० अंको की आन्तरिक मूल्यॉकन परीक्षा के अंक॥। उदाहरण के तौर पर यदि परीक्षार्थी ने कक्षा–९ की वार्षिक लिखित परीक्षा में ७० अंकों में से ६० अंक पायें हैं तब ५० प्रतिशत देयता के अनुसार उसके ३० अंक लिये जायेंगे। कक्षा–१० की प्री–बोर्ड लिखित परीक्षा में ७० अंकों में से ४० अंक पायें हैं तब ५० प्रतिशत देयता के अनुसार उसके २० अंक लिये जायेंगे। आन्तरिक मूल्यांकन परीक्षा में यदि उसने ३० अंक में से २८ अंक पायें हैं तब सम्बन्धित परीक्षार्थी को कुल ७८ अंक प्राप्त होंगे॥। सभी छात्र होंगे प्रोन्नतः यदि परीक्षार्थियों के कक्षा–१२ की प्रयोगात्मक परीक्षा/कक्षा–१० के आंतरिक मूल्यांकन के अंक उपलब्ध नहीं हैं‚ तो ऐसी स्थिति में प्रत्येक परीक्षार्थी को उस विषय विशेष के लिये लिखित परीक्षा हेतु निर्धारित प्रक्रिया से प्राप्त अंक को उस विषय विशेष के पूर्णांक के आधार पर समानुपातिक रूप से आगणित कर प्रयोगात्मक परीक्षा के अंक प्रदान किये जायेंगे॥। इंटरमीडिएट के जिस किसी भी परीक्षार्थी (व्यक्तिगत/ संस्थागत) के कक्षा–११ की दोनों परीक्षाओं (वार्षिक परीक्षा व अर्धवार्षिक) एवं/अथवा कक्षा–१२ की प्री–बोर्ड परीक्षा तथा हाईस्कूल के जिस किसी भी परीक्षार्थी (व्यक्तिगत/संस्थागत) के कक्षा–९ की वार्षिक परीक्षा एवं/अथवा कक्षा–१० की प्री–बोर्ड परीक्षा के अंक उपलब्ध नहीं होंगे उन्हें बिना अंकों के सामान्य रूप से प्रोzात कर दिया जायेगा॥। वर्ष २०२१ की परीक्षा में पंजीकृत कुल परीक्षार्थियों की संख्या ५६‚०४‚६२८ है। हाईस्कूल परीक्षा में २९‚९४‚३१२ परीक्षार्थी पंजीकृत हुए हैं। संस्थागत २९‚७४‚४८७ (९९.३४‡) तथा व्यक्तिगत १९‚८२५ (०.६६‡) हैं। इंटरमीडिएट परीक्षा में कुल २६‚१०‚३१६ परीक्षार्थी पंजीकृत हुये हैं॥। दजो छात्र लिखित परीक्षा में शामिल होना चाहते हैं‚ उनके लिए विकल्प खुले हैं॥ दहाईस्कूल परीक्षाफल के लिए ९वीं व १०वीं प्री बोर्ड के ५०–५०‡ अंक शामिल किये जाएंगे॥ दइंटरमीडि़एट रिजल्ट में १०वीं‚ ११वीं‚ १२वीं प्री बोर्ड़ के क्रमशः ५०‚ ४० व १० फीसद अंकों को जोड़़ा जाएगा॥
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