नई पेंशन स्कीम (एनपीएस) शुरू तो हो गई लेकिन माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षक इसके लाभ से अभी तक वंचित हैं। रिटायरमेंट के बाद न तो इन्हें नई पेंशन मिली और न ही किसी तरह का कोई अन्य भुगतान। शिक्षकों के खातों से काटी गई लाखों की धनराशि भी रिटायरमेंट के बाद उन्हें लौटाई नहीं गई।
वर्ष एक अप्रैल 2005 में एनपीएस लागू हुई लेकिन माध्यमिक में शिक्षकों के वेतन से कटौती 2016 में शुरू हो सकी। 2005-2016 के बीच की धनराशि शासनादेश के बावजूद अब तक काटी नहीं गई है जबकि सरकार अपना अंशदान एकमुश्त देने को तैयार है।
रिटायरमेंट के बाद अपने पैसे को तरसेऑल टीचर्स इंप्लाइज वेलफेयर एसोसिएशन (अटेवा) के मंडल अध्यक्ष अखिलेश यादव का कहना है कि वर्ष वर्ष 2019 में कई शिक्षक रिटायर हो चुके हैं पर उन्हें अब तक एक भी पैसा नहीं मिला है। नई पेंशन का तो दूर-दूर तक पता नहीं। इन शिक्षकों की तो धनराशि काटी गई लेकिन सरकारी अंशदान नहीं दिया गया है।
मृतक आश्रित भी भटक रहेअटेवा के मंडल अध्यक्ष के अनुसार बीएनएसडी इंटर कॉलेज के रामरूप और बीपीएमजी मंधना के सुरेंद्र सिंह की मृत्यु 2017 में हुई थी। इसी तरह आर्यनगर इंटर कॉलेज के मुकेश, तालीमुल इस्लाम के इरशाद हुसैन और सिद्दीक फैज-ए-आम के मोहम्मद इकराम की मृत्यु हो चुकी है लेकिन सभी के मृतक आश्रित अब तक परेशान हैं।पेंशन खातों में पड़ा सूखाबीपीएमजी मंधना, सरस्वती बालिका विजय नगर समेत अनेक विद्यालयों के शिक्षकों के पेंशन खातों में न तो शिक्षकों की और न ही सरकारी अंशदान दिख रहा है। अटेवा अध्यक्ष के अनुसार हर साल की तरह इस बार भी वे दो अक्तूबर को पुरानी पेंशन बहाली के लिए आंदोलन करेंगे।