माध्यमिक विद्यालयों के छात्र अब साइबर क्राइम एक्सपर्ट बनेंगे, जो साइबर अपराध को रोकने में अपनी भूमिका निभाएंगे। जिले में बढ़ रही साइबर क्राइम की घटनाओं के प्रति छात्र-छात्राओं को जागरूक करने के लिए सभी माध्यमिक विद्यालयों में साइबर क्लब का गठन किया जाएगा।
तीन सदस्यीय साइवर क्लब के जरिए जागरूकता संबंधी विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। संयुक्त शिक्षा निदेशक ने जिला विद्यालय निरीक्षक को इसका पत्र जारी किया है।
जिले में 14 राजकीय, 67 सहायता प्राप्त और 436 वित्तविहीन माध्यमिक विद्यालय है। जिले में साइबर क्राइम की घटनाएं बढ़ती ही जा रही हैं। जागरूकता को जिम्मेदारी निभाने के लिए जिले के सभी माध्यमिक विद्यालयों में तीन सदस्यीय साइबर क्लब का गठन किया जाएगा।
क्लब में विद्यालय के प्रधानाचार्य नोडल अधिकारी होंगे, जबकि वरिष्ठ अध्यापक को सदस्य सचिव नामित किया जाएगा। कंप्यूटर की जानकारी रखने वाला शिक्षक भी क्लब का सदस्य होगा।
साइबर क्लब की गतिविधियों में कार्यशाला, सेमिनार, वाद-विवाद प्रतियोगिता के साथ ही रचनात्मक सत्र में पोस्टर मेकिंग, स्लोगन लेखन, लघु कहानियों का आयोजन किया जाएगा। साइबर अपराध की रोकथाम के लिए सूचना का प्रसार करने वाले छात्र छात्राओं को पुरस्कृत भी किया जाएगा। साइबर बलब के गठन के बाद ज्यादा से ज्यादा छात्र-छात्राओं को जागरूक किया जाएगा। विद्यालयों में साइवर क्लब का गठन होने पर पहले चरण में छात्रों में छात्रों को जागरूक किया जाएगा ताकि वे इसके शिकार न हो इसके बाद छात्रों की इस तरह के अपराध से बचाव और उनका पता लगाकर उसे रोकने के गुर सिखाए जाएंगे।
अपराध रोकने के लिए जागरूकता पैदा करना प्रमुख कार्य है। इसके लिए कॉलेजों के छात्र-छात्राओं का जागरूक होना बहुत जरूरी है।
छात्र-छात्राओं को जागरूक करने से वे सजग होंगे। साथ ही उनके माता-पिता एवं अभिभावक भी जागरूक होंगे। क्लब गठन के बाद संबंधित गतिविधियां कराई जाएंगी। इससे संबंधित अभिलेख भी संरक्षित विशेषज्ञों के अनुसार साइबर रखा जाएगा।
समस्त माध्यमिक विद्यालयों में विभाग की ओर से मिले दिशा निर्देशों के अनुरूप साइबर क्लब गठित किया जिला विद्यालय निरीक्षकों को गा पत्र जारी कर दिया गया है।
– वाईके सिंह, संयुक्त शिक्षा निदेशक, आजमगढ़ मंडल