चोखामेला (1300-1400) महाराष्ट्र के एक प्रसिद्ध संत थे जिन्होने कई अभंगोंकी रचना की है। इसके कारण उन्हें भारत का दलित-महार जाति पहला महान् कवि कहा गया है। सामाजिक-परिवर्तन के आन्दोलन में चोखामेला पहले संत थे, जिन्होंने भक्ति-काल के दौर में सामाजिक-गैर बराबरी को लोगों के सामने रखा।पंढरपुर के विठ्ठल, जो विष्णु का ही रूप है जिन्हें कभी कृष्ण तो कभी शिव के स्वरूप में पूजा जाता हैसंत चोखामेला ने कई अभंग लिखे हैं, जिसके कारण उन्हें भारत का पहला दलित-कवि कहा गया है। सामाजिक-परिवर्तन के आन्दोलन में चोखामेला पहले संत थे, जिन्होंने भक्ति-काल के दौर में सामाजिक-गैर बराबरी को लोगों के सामने रखा। अपनी रचनाओं में वे दलित समाज के लिए खासे चिंतित दिखाई पड़ते
Related Posts
जिला विद्यालय निरीक्षक लखनऊ ने राजकीय एवं अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के अभिलेखों के सत्यापन की समय सारणी घोषित
माध्यमिक शिक्षा विभाग के कार्यों को अब मंडलीय अधिकारी जिलों में जाकर जांचेंगे-माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी
लखनऊ, राज्य ब्यूरो । माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी ने कहा है कि मंडलीय अधिकारी जिलों में जाकर देखें कि माध्यमिक…
समर कैम्प से उपजे सवाल के संबंध में
उत्तर प्रदेश शासन द्वारा समर कैम्प, सड़क सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम, 21 जून को स्कूल में योग दिवस मनाने जैसे आदेश…